नई दिल्ली : भारत ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से निर्धारित सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्य (एमडीजी) को 2015 तक हासिल कर लेने का दावा किया है। शिशु मृत्यु दर में सुधार के बारे में विश्व समुदाय की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद भारत को अपना रुख स्पष्ट करना पड़ा है।
दरअसल,संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सहस्त्राब्दि लक्ष्य के मुताबिक भारत को वर्ष 2015 तक पांच वर्ष आयुवर्ग के बच्चों की मृत्यु दर को 42 तक (प्रति हजार बच्चों पर) लाना है। इसके अलावा शिशु मृत्यु दर को भी अगले साल तक 28 के स्तर पर ले आना है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि सभी राज्यों में बाल मृत्यु दर को निर्धारित स्तर तक लाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इसके तहत अस्पतालों में बच्चों के जन्म को प्रोत्साहन देना (प्रशिक्षित कर्मचारियों की निगरानी में भी), शिशुओं की देखभाल को लेकर जागरुकता लाना और डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर क्षमताओं में वृद्धि करने जैसे कदम शामिल हैं।
आपको बता दे कि कि स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कहा था कि यदि मृत्यु दर में गिरावट की मौजूदा रफ्तार कायम रही तो भारत सहस्त्राब्दि लक्ष्यों को हासिल कर लेगा। वर्ष 2012 में पांच वर्ष से कम आयु वाले बच्चों की मृत्यु दर 52 थी। मातृ मृत्यु दर में भी भारत एमडीजी हासिल करने के करीब है। निर्धारित लक्ष्यों के तहत इसे वर्ष 2015 तक 140 के स्तर पर लाना है। भारत में यह आंकड़ा फिलहाल 141 है।