विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने नई दिल्ली में कहा, ‘मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि अपनी इच्छा के विरुद्ध ले जाई गईं भारतीय नर्सें मुक्त हैं। वे इरबिल में भारतीय दूतावास के अधिकारियों के संपर्क में हैं।’ उत्तर इराक में इरबिल अरब खाड़ी देश के कुर्दिस्तान क्षेत्र की राजधानी है। नर्सों की अग्निपरीक्षा तब शुरू हुई जब नौ जून को आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट फॉर इराक एंड सीरिया) ने अपना तेज अभियान शुरू किया। नर्सों को शुक्रवार को उनकी इच्छा के खिलाफ ले जाया गया और तिकरित से 250 किलोमीटर दूर आतंकवादियों के कब्जे वाले मोसुल शहर में बंधक बनाकर रखा गया। इरबिल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मोसुल से 70 किलोमीटर दूर है।
प्रवक्ता ने कहा, ‘नर्सें सुरक्षित हैं और उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।’ उन्होंने कहा कि एयर इंडिया का विमान दिल्ली से रवाना हो गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘हम तब तक संतुष्ट नहीं होंगे जब तक कि हमारे प्रयास के अंतिम परिणाम प्राप्त नही होते और सभी नागरिकों को वापस नहीं लाते हैं।’ एक संयुक्त सचिव स्तर के आईएफएस अधिकारी और केरल की एक महिला आईएएस अधिकारी उन भारतीय अधिकारियों में शामिल हैं, जो विशेष विमान से यात्रा कर रहे हैं।
वहीं दिल्ली में एक अलग संवाददाता सम्मेलन में केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि नर्सें (इरबिल में) अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट सीमा पर पहुंच गई हैं।’ चांडी ने कहा, ‘नर्सें कल सुबह कोच्चि पहुंचेंगी।’ उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार, बगदाद स्थित दूतावास और राज्य सरकार हम सबने साथ मिलकर काम किया और अंतत: हम नर्सों को भारत वापस लाने के उद्देश्य को हासिल कर रहे हैं।’ कोच्चि में हवाई अड्डा सूत्रों ने बताया कि नर्सों और अन्य यात्रियों को लेकर एयर इंडिया के विशेष विमान बोइंग 777 के कल सुबह तकरीबन छह बजकर 40 मिनट पर इरबिल से शहर में पहुंचने की उम्मीद है।