नई दिल्ली :भारत की देसी वैक्सीन कोवैक्सीन को जल्द ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मंजूरी मिल सकती है। सूत्रों की मानें तो इस सप्ताह डब्ल्यूएचओ की ओर से हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी मिल सकती है। बता दें कि पहले जून के महीने में डब्ल्यूएचओ ने भारत बायोटेक की ईओआई यानी एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट को स्वीकार किया था।
कोवैक्सीन पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है, फिलहाल भारत सरकार की ओर से भी इस वैक्सीन की इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी चुकी है और आम जनता के लिए यह उपलब्ध भी हो चुकी है। दरअसल, कोवैक्सिन को आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने मिलकर विकसित किया है। अब तक इस वैक्सीन को अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी यूज की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है, जिसकी वजह से कई देशों ने कोवैक्सीन लगवाने वाले लोगों के ट्रेवल को मंजूरी नहीं दी है।
मंजूरी मिलने से क्या होगा?
बता दें कि दरअसल, डब्ल्यूएचओ की ओर से मंजूरी में देरी होने की वजह से भारत बायोटेक को कुछ विदेशी देशों में कोवैक्सिन को मंजूरी मिलने में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। डब्ल्यूएचओ की ओर से इस वैक्सीन को मंजूरी मिलने का मतलब है कि कोवैक्सीन का दायरा दुनियाभर में बढ़ जाएगा।
मंजूरी को लेकर वैज्ञानिकों से मिले थे स्वास्थ्य मंत्री
कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की ओर से मंजूरी मिलने को लेकर अगस्त के मध्य में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन से मुलाकात की थी। जिसमें उन्होंने भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके कोवैक्सीन को वैश्विक स्वास्थ्य निकाय की मंजूरी दिलाने पर चर्चा की थी।