इंडिगो मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड: CCTV कैमरे में दिखे बाइक सवार दो युवकों की तलाश, पटना पुलिस ने बनाई SIT

पटना : बिहार की राजधानी पटना में इंडिगो स्टेशन मैनेजर रुपेश सिंह की हत्या से बिहार की सियासत भी गरमा गई है। सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार में प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। इस हत्याकांड को लेकर सीबीआई जांच की मांग उठने लगी है। सभी नेताओं ने राजधानी के पॉश इलाके में हाई प्रोफाइल हत्याकांड की निंदा की है वहीं उन्होंने नीतीश सरकार पर भी हमला बोला।

पटना में अपराधियों ने सरेआम इंडिगो के स्टेशन हेड रूपेश सिंह (Indigo Station Head Rupesh Singh Murder) की हत्या से दहशत फैला दी है। अपराधियों ने रूपेश सिंह पर पटना के पुनाइचक आवास के ठीक बाहर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर उनकी हत्‍या कर दी थी। रूपेश सिंह के आवास पर आने के लिए मात्र एक रास्ता ही है, जिसके सहारे अपराधी आए। यह रास्ता रूपेश के घर के पास ही समाप्‍त भी हो जाता है

पटना में मंगलवार की शाम लगभग सात बजे शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र के पुनाईचक शंकर पथ में कुसुम विलास अपार्टमेंट के गेट पर पेशेवर अपराधियों ने पटना एयरपोर्ट पर इंडिगो कंपनी के स्टेशन मैनेजर रुपेश कुमार सिंह (40 वर्ष) को गोलियों से भून डाला। वे मूल रूप से सारण जिले के जलालपुर संवरी गांव के रहने वाले थे। अपराधियों ने उन्हें ताबड़तोड़ छह गोली मारी। गोली लग्जरी कार के शीशे को भेदते हुए मैनेजर के सीने में दाहिनी ओर लगी। गोली लगने से चालक की सीट के पास गेट पर लगा शीशा पूरी तरह से चकनाचूर हो गया। शंकर पथ में लगे एक सीसीटीवी फुटेज की जांच में एक बाइक पर दो अपराधी भागते हुए दिखे हैं लेकिन उनकी तस्वीर स्पष्ट नहीं हो सकी है। देर रात तक घटना का कारण स्पष्ट नहीं हो सका था।

 

जिस अपार्टमेंट में रूपेश रहते थे, उस अपार्टमेंट का CCTV कैमरा भी काम नहीं करता है। राजधानी पटना में इंडिगो के स्टेशन हेड रूपेश कुमार सिंह की हत्याकांड के मामले में जांच के लिए पुलिस ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन कर दिया है। स्पेशल टीम पटना के पुनाइचक इलाके में हुई इस घटना के बाद आसपास के इलाकों में जांच के लिए पहुंची है । इस दौरान पुलिस ने हत्याकांड में एक अहम सुराग मिलने का दावा किया है।

दरअसल, रुपेश के अपार्टमेंट के पास के एक सीसीटीवी कैमरे में एक बाइक पर जाते हुए दो लोग देखे गए हैं। इसके बाद उनकी तलाश पटना पुलिस ने तेज कर दी है। हत्या के बाद रूपेश की कार को भी पुलिस ने जांच के लिए अपने कब्जे में लिया है। साथ ही उनके कार से मिली मोबाइल को भी पुलिस लगातार खंगाल रही है। पुलिस इस बात की जानकारी इकट्ठा करने में जुटी है कि अंतिम बार रूपेश की बात किससे हुई थी। पुलिस उससे भी पूछताछ करने के मूड में है। जिस तरह से पटना में इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है उसके बाद पुलिस को पेशेवर शूटर्स पर शक है। इस हत्याकांड के बाद पुलिस की टीम देर रात तक पटना की सड़कों पर दौड़ती रही।

शाम करीब सवा सात बजे के पहले शंकर पथ पुनाईचक पूरी तरह से सामान्य था। इसके बाद जैसे ही इंडिगो के स्टेशन मैनेजर की हत्या की गई, पूरा इलाका अशांत हो गया। गोलियों की आवाज कुसुम विलास अपार्टमेंट के साथ ही आसपास के अपार्टमेंट में गूंजने से हर कोई हक्का-बक्का हो गया। भागते हुए लोग जब नीचे उतरे तो नजारा देख लोग हिल उठे। लग्जरी कार की ड्राइविंग सीट के पास लगे गेट का शीशा चकनाचूर था। सड़क पर कांच बिखरा था और चालक की सीट पर बैठे मैनेजर पूरी तरह से लहूलुहान थे। करीब 6 गोली लगने से उनका सीना पूरी तरह से छलनी हो चुका था। राजाबाजार स्थित एक निजी अस्पताल ले जाने पर डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

कुसुम विलास अपार्टमेंट में रह रहे लोगों का कहना था कि गोलियों की आवाज उनके कानों तक गूंजी तो वह कुछ समझ नहीं पाये। पहले तो महसूस हुआ कि जैसे अपार्टमेंट के सामने गली की सड़क में पटाखा फूट रहा है लेकिन जब नीचे उतरे तो माजरा देख पैरों तले जमीन खिसक गई। इंडिगो के स्टेशन मैनजर को गोलियां से भूनकर बदमाश भाग चुके थे। इसलिए बदमाश कितने थे और कौन थे, पता नहीं चल सका।

बदमाशों ने की थी रेकी

दरअसल, हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों को मैनेजर की हर गतिविधियों की पूरी जानकारी थी। उनके आने-जाने सहित अपार्टमेंट के बारे में भी उन्हें बखूबी पता था। वारदात में लाइनर की भूमिका अहम होने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता। बदमाशों को पता था कि शंकर पथ स्थित कुसुम विलास अपार्टमेंट की सड़क का आखिरी छोर बंद है। इसलिए बदमाश अपार्टमेंट के आखिरी छोर के पास छिपे थे। इसलिए अपार्टमेंट की बालकनी में मौजूद लोग बदमाशों को देख नहीं पाये। सवा सात बजे जैसे ही मैनेजर ने अपार्टमेंट के गेट के पास अपनी कार खड़ी की, वैसे ही बदमाशों ने दनादना गोलियां बरसानी शुरू कर दी।

बदमाशों को नहीं था खाकी का खौफ

बदमाशों को खाकी का कोई खौफ नहीं था। इसलिए फुलप्रूफ योजना के तहत बदमाशों ने पुनाईचक में इस हत्या की वारदात को अंजाम दिया। खास बात यह है कि वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश भाग निकले और शहर में जगह-जगह पेट्रोलिंग कर रही पुलिस बदमाशों को पकड़ नहीं सकी।

मैं तो मित्र के यहां गया था साहब..

वारदात के वक्त गार्ड मनोज कुमार मौजूद नहीं था। उसका कहना था कि पिछले तीन साल से मैं अपार्टमेंट में नौकरी कर रहा हूं। अब तक ऐसी कोई वारदात यहां नहीं हुई थी। मंगलवार की सुबह मैं अपने एक मित्र के यहां गया था। शाम करीब साढ़े सात बजे जब लौटा तो उससे पहले यह वारदात हो चुकी थी।