नई दिल्ली : जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे एक भयानक आवाज गूंजी इंदौर से पटना जा रही ट्रेन के 14 कोच पटरी से उतर गए कई बोगियां पिचक गईं कोच दूसरे कोच पर चढ़ गए हादसे में 156 लोगो की मौत हो गई और 200 से ज्यादा जख्मी हैं ।
इस पूरे मामले पर ट्रेन के ड्राइवर ने एक रिपोर्ट दी है इस रिपोर्ट में बताया गया है कि झांसी के बाद ही उन्हें खतरे के बारे में पता चल चुका था जिसके बारे में उन्होंने असफरों को भी बताया था लेकिन उन्होंने ट्रेन को कानपुर तक ले जाने के लिए कहा ड्राइवर ने बताई हादसे की वजह रात करीब 1 बजे ट्रेन ड्राइवर जलत शर्मा ने अफसरों को खतरे के संकेत दे दिए थे।
झांसी से चलने के बाद दो स्टेशन पार होते ही उन्हें इंजन मीटर पर अधिक लोड दिखा उन्होंने तत्काल सहयोगी डीपी यादव को बताया इसके बाद झांसी मंडल के अफसरों को सूचना दी लेकिन वहां से कहा गया कि ट्रेन को जैसे-तैसे कानपुर तक ले जाओ, फिर देखेंगे।
झांसी डिविजन के इस ड्राइवर ने सेंट्रल स्टेशन पर चालक लॉबी में सौंपी रिपोर्ट में बताया कि तड़के 3:03 बजे ओएचई केबल (ओवरहेड इलेक्ट्रिक केबल) में तेज धमाके के बाद उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाए जिस समय ट्रेन हादसे का शिकार हुई, उसकी स्पीड 110 किमी प्रति घंटा थी ओएचई में धमाके से लाइन ट्रिप नहीं होती तो पूरी ट्रेन में आग लग सकती थी।