नई दिल्ली : कुलभूषण जाधव मामले में भारत को गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) में बेहद अहम कूटनीतिक, नैतिक व कानूनी जीत मिली। अदालत ने पाकिस्तान से मामले में अंतिम फैसला आने तक कथित जासूस कुलभूषण जाधव को फांसी न देने का आदेश दिया और आदेश के क्रियान्वयन को लेकर उठाए गए कदमों से अदालत को अवगत कराने को कहा। आईसीजे के अध्यक्ष रॉनी अब्राहम ने अपने आदेश में कहा, “इस अदालत ने एकमत से फैसला किया है कि मामले में अदालत का अंतिम फैसला आने तक कुलभूषण जाधव को फांसी न देने के लिए पाकिस्तान हर उपाय करेगा।
साथ ही अदालत ने एकमत से यह भी फैसला किया है कि इस आदेश के क्रियान्वयन को लेकर उठाए गए कदमों से पाकिस्तान अदालत को अवगत कराएगा।” अदालत में उस वक्त दोनों देशों के अधिकारी मौजूद थे, जब न्यायाधीश ने रजिस्ट्रार को दोनों पक्षों को आदेश की प्रति प्रदान करने को कहा।
आदेश में अदालत ने कहा कि मौजूदा मामले के विवरणों के देखकर प्रथमदृष्टया लगता है कि अदालत का मामले में हस्तक्षेप करने का अधिकार है। अदालत ने कहा कि उसने पाया है कि भारत ने जिन अधिकारों की मांग की है और अदालत जिन तात्कालिक कदमों को उठा सकती है, इन दोनों के बीच एक वैध संबंध है। न्यायाधीश अब्राहम ने उल्लेख किया कि पाकिस्तान के वकील ने यह दलील दी है कि जाधव को अगस्त तक फांसी नहीं दी जाएगी, लेकिन यह आश्वासन नहीं दिया है कि उसके बाद उसे फांसी नहीं दी जाएगी। अदालत ने यह भी कहा कि जाधव तक राजनयिक पहुंच प्रदान की जानी चाहिए, जिसकी भारत ने मांग की है।
ICJ ने इस मामले में 15 मई को भारत और पाकिस्तान दोनों की दलीलें सुनी थी। भारत की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कुलभूषण जाधव केस की पैरवी की थी। भारत ने इस मामले में पाकिस्तान के आरोपों को गलत बताया था और कुलभूषण जाधव की जल्द रिहाई की मांग की थी।
न्यायालय का फैसला आने के बाद ट्विटर पर भारत के वकील हरीश साल्वे की तारीफ हो रही है। लोगों ने केंद्र सरकार से साल्वे को सम्मान दिए जाने को कहा है। अरविंद कुमार ने लिखा, ”हरीश साल्वे जी को धन्यवाद ,आपने बहुत अच्छी तरह से कूलभूषण जाधव का पक्ष रखा।आपकी टीम को भी बधाई।” एक चुटकुला खूब शेयर हो रहा है कि ”1 ₹ में पाकिस्तान की धज्जियां उड़ाने वाले हरीश साल्वे जी भारत के पहले वकील बने।”