ओलंपिक में वापसी को लेकर भारत की उम्मीदों को करारा झटका लगा है। IOCi(आइओसी) ने भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) के दागी व्यक्तियों के चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले संशोधन प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
ब्यूनस आयर्स में बुधवार को आईओसी ने अपने 125वें सत्र से पहले कार्यकारी बोर्ड की बैठक में आईयोए के प्रस्ताव को ठुकराते हुए यह फैसला किया कि अगर भारत अपने संविधान में बदलाव नहीं करता है तो उस पर ओलेपिक प्रतिबंध जारी रहेगा।
दरअसल, 25 अगस्त को आईओए ने विशेष आम सभी में आईओसी के सामने समझौता फामूला पेश किया था, जिसमें आरोपी व्यक्तियों को चुनाव लड़ने की छूट देने को कहा गया था। चुनाव लड़ने से उन्हीं व्यक्तियों को रोका जाए, जिन्हें दो साल से अधिक जेल की सजा मिली हो।
आइओसी ने अपने बयान में कहा है कि वैश्विक संस्था ने आइओए को एक खाका तैयार करके भेजा था और पिछले महीने हुई आईओए की आम सभा में भी पर्यवेक्षक भेजे थे। कार्यकारी बोर्ड ने पर्यवेक्षक भेजे थे। कार्यकारी बोर्ड ने पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट सुनी। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के अनुसार आइओसी ने आईओए के के सविधान में जिन संशोधनों का आग्रह किया था, उनमें से अधिकार को मंजूर कर लिया गया है।
लेकिन एक खास शर्त को नहीं माना गया है। यह शर्त विशेष रूप से सदस्यों की योग्यता से संबंधित है और राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (एनओसी) में सुशासन लाने के लिए बहुत जरूरी है। निलंबित आईयोए को चुनाव प्रक्रिया शुरू करने से पहले इसको पूरी तरह से स्वीकार करना होगा। आइओसी इस मामले की समयसीमा तय करेगी।