जोखिम भरा है हाईवे पर यात्रा करना

uuuuuuuuuuuuरुद्रप्रयाग: आपदा के बाद जख्मी हो चुके गौरीकुंड हाईवे पर यात्रा करना खतरों भरा है। क्योंकि, कई स्लाइडिंग जोन व डेंजर जोन बन गए हैं। जो बरसात होने पर और खतरनाक हो जाते हैं। आपदा के बाद से जिले में चारधाम यात्रा को जोड़ने वाले गौरीकुंड व बदरीनाथ हाईवे की स्थिति काफी खराब बनी हुई है।

रुद्रप्रयाग-केदारनाथ हाईवे आपदा के बाद बुरी तरह छलनी हो गया था, जिसे वर्तमान में पिछले दो महीने में लोनिवि के तीनों खंडों के साथ ही बीआरओ दुरुस्त करने में जुटा है। लेकिन, अभी भी कई स्थानों पर मार्ग जानलेवा है। पहाड़ी से पत्थर गिरने का खतरा बना हुआ है। हाईवे के पुर्ननिर्माण के बाद कई स्लाइडिंग जोन व डेंजर जोन सक्रिय हो गए हैं।

सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक हाईवे पूरी तरह से वासआउट हो गया था। इसे अभी भी गौरीकुंड तक नहीं बनाया जा सका है। बदरीनापथ हाईवे में सिरोबगड़ के पास चार दशक से स्लाइडिंग जोन सक्रिय है, लेकिन इसे ठीक नहीं किया जा सका है। बरसात में यह मार्ग चारधाम यात्रियों के साथ ही चमोली व रुद्रप्रयाग की जनता के लिए मुसीबत का सबब बन रहा है।

हाईवे पर स्थित डेंजर जोन:
रुद्रप्रयाग-गौरीकुण्ड हाईवे- संगम बाजार, भटवाड़ीसैण, नैल, तिलवाड़ा के समीप, रामपुर, सिल्ली, कुण्ड, चंडिकाधार, फाटा के पास आदि। बदरीनाथ हाईवे-सिरोबगड़, खांकरा, नौगांव, नरकोटा के समीप, झिरमोली, घोलतीर।

क्या कहते हैं अधिकारी-आपदा के बाद गौरीकुंड हाईवे पर डामरीकरण करने के साथ ही डेंजर जोन को ठीक कर दिया गया है। अभी भी कार्य जारी है।