नई दिल्ली : हाल ही में लखनऊ समझौते के 101 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में भगवान कृष्ण के वेष में गीता पाठ करने वाली मेरठ की आलिया खान के खिलाफ फतवा जारी हुआ है।
आलिया ने फतवा जारी करने वाले मौलवियों को करारा जवाब देते हुए कहा है कि इस्लाम इतना कमजोर नहीं कि किसी के गीता पाठ करने या कृष्ण जैसा परिधान धारण करने से वह उससे खारिज हो जाए। आलिया ने फतवा जारी करने वालों से कहा कि कृपा करके मुझे अपनी राजनीति में न घसीटें।
आपको बता दें कि आलिया का कृष्ण रुप धारण करना व गीता पाठ करना उलेमाओं को पंसद नहीं आया। उलेमाओं ने इस साल का पहला फतवा आलिया के नाम जारी कर दिया था। देवबंद के उलमा ने आलिया के इस रूप पर कड़ी नाराजगी जताई है। देवबंदी मुफ्ती ने आलिया खान उसके गीता श्लोक पढ़ने और कृष्ण रूप धारण करने को इस्लाम विरोधी बताया था।
जानिए, क्या है पूरा मामला
आलिया का कृष्ण का रुप धारण करना व गीता का पाठ करने से उलेमाओं में खलबली मच गई थी। फतवे पर आलिया ने कहा हैं कि वह इस फतवे का डटकर मुकाबला करेगी।
बता दें कि 30 दिसंबर को लखनऊ के लोक भवन में ‘तिलक महोत्सव का आयोजन किया था, जिसमें आलिया ने ये रूप धारण किया था। इस कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक व विधानसभा अध्यक्ष तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस भी थे।
दरअसल आलिया ने जब गीता पाठ किया तो उस समय उसने भगवान श्रीकृष्ण की तरह ही अपना रूप बना रखा था। यही बात मुस्लिम उलेमाओं को नागवार गुजरी उसके बाद ही नए साल पर आलिया के खिलाफ फतवा निकाल दिया। फतवा जारी करने वाले उलेमा यहीं तक नहीं रुके। उन लोगों ने आलिया खान को गैर- इस्लामिक तक करार दे दिया।
आलिया खान के गीता पाठ पर CM योगी आदित्यनाथ ने उनकी जमकर तारीफ की थी। साथ में मुख्यमंत्री ने सभी को संदेश दिया था की मजहब के नाम पर बांटने वाले आलिया से सीखें। आलिया की चर्चा करते हुए CM योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उसका मजहब इस्लाम है, लेकिन जिस लय के साथ गीता का गायन किया, वह सराहनीय है।