बात चाहे रक्षा क्षेत्र में हथियारों की हो या फिर मेडिसिन या एग्रीक्लचर. इजराइल ने बेहद कम समय में दुनिया में अपनी मजबूत पहचान बनाई है. इजराइल दुनिया का पहला ऐसा देश बन चुका है, जहां पर सबसे ज्यादा लेबर हाईटेक है. इजराइली मीडिया ‘ISRAEL HAYOM’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल में करीब 3 लाख 62 हजार लोग, जिनका प्रतिशत 10.4 है वो हाईटेक सेक्टर से जुड़े हैं. मेक इन इंडिया के तहत भारत सरकार दुनिया भर की कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित कर रही हैं और इजराइल देश से भी बड़ी संख्या में हाईटेक सेक्टर से जुड़ी कंपनियां भारत आ रही है. ऐसे में ये जरूरी है कि भारतीय वर्कफोर्स को भी इजराइल की तरह ज्यादा से ज्यादा हाईटेक बनाया जाये तो आधुनिक तकनीक को डेवलप करने के साथ –साथ देश को आत्मनिर्भर बनाने में अपना अहम योगदान दे सके.
इजराइल और भारत के बीच मजबूत होते संबंधों के चलते इजराइल से बड़ी संख्या में वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में माहिर एक्सपर्ट भारत आ रहे हैं जो देश को तकनीकी क्षेत्र में विश्व गुरु बनाने के लिए मदद कर रहे हैं.
इजराइल के वैज्ञानिक डा. एमी एप्पल बोम (Dr.Ami Appelbaum) सरकार की पहल पर इस वक्त भारत दौरे पर हैं. Dr.Ami इजराइल सरकार में इजराइल इनोवेशन अथॉरिटी के चेयरमैन के साथ-साथ चीफ साइंटिस्ट हैं. इजराइल वर्कफोर्स को हाईटेक बनाने में Dr.Ami का बड़ा योगदान हैं, लेकिन सवाल ये है कि इतने कम समय में इजराइल ने दुनिया भर में इतनी खास पहचान कैसे बना ली. आज हम डा. एमी एप्पल बोम के साथ हुई बातचीत आपके साथ शेयर कर रहे हैं.
सवाल-आपके भारत आने का इस बार क्या उद्देश्य है?
जवाब- मेरा भारत आने के दो उद्देश्य हैं. पहला- भारत इजराइल इनोवेशन इंडस्ट्री की बैठक और दूसरा उन भारतीय कंपनियों के साथ बैठक, जो इजराइल कंपनियों के साथ हाईटेक तकनीकी के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाना चाहती हैं.
सवाल- इजराइल ऐसा देश हैं जहां की वर्कफोर्स सबसे ज्यादा हाईटेक है. इसके पीछे क्या वजह है?
जवाब- ऐसा तभी हो सकता है कि जब आप एक ऐसा इकोसिस्टम बनाएं, जिसमें इनोवेशन के साथ-साथ एक अच्छा एजूकेशन सिस्टम बनाया जाए. इजराइल में एलिमेंट्री स्कूल,हाई स्कूल और यूनिवर्सिटी हैं, जहां खास तौर पर यूनिवर्सिटी पर खास ध्यान दिया जाता है. इसके साथ ही अगर कोई हाईटेक क्षेत्र में इनोवेशन करना चाहता है और उसके पास अगर पैसे नहीं हैं तो इजराइल सरकार मदद करती है. इजराइल ने कई साल पहले एक वेंचर कैपिटल बनाई थी. आज के दिन इजराइल में अब ऐसे 70 वेंचर कैपिटल हैं, जो सरकार के निर्देशों के हिसाब से काम करती हैं. तीसरे सबसे बड़ी बात ये हैं कि नई टेक्नोलॉजी जो आ रही है उसका रेगुलेशन. आप ऐसा भी नहीं चाहेंगे कि कोई न्यू टेक्नोलॉजी सोसाइटी को खत्म कर दे या लोगों के प्राइवेसी का हनन करे, ऐसे में रेगुलेशन जरूरी है. अगर आप इन सभी बातों को एक साथ रख कर काम करेंगे तभी पास टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ सकेगें.
सवाल- भारत किस तरह से हाईटेक क्षेत्र में इजराइल की तरह आगे बढ़ सकता है?
जवाब- सभी देशों के सामने अलग अलग चुनौतियां हैं और कुछ फायदे हैं. ऐसे में आप किसी एक दूसरे देश के मॉडल को कॉपी नहीं कर सकते. क्योंकि सभी के आर्थिक स्थित और जियो-पोलिटिकल स्थितियां अलग अलग हैं. भारत इजराइल से ये सीख सकता है कि किस तरह से एक ऐसा इकोसिस्टम बनाया जाये. आपका इजराइल की तरह स्टार्ट अप नेशन बनना होगा और सिर्फ स्टार्ट अप से नहीं काम पूरा होगा. आपको इन स्टार्ट अप को पूरी तरह से विकसित करने में मदद करनी होगी, जिससे ये बिलियन डॉलर कंपनियां बन सकें. साथ ही टैलेंट को डेवलप करने के साथ साथ,फंड और बड़ी कंपनियों के साथ उनकी साझेदारी बढानी होगी जिससे नई तकनीक से जुड़ी जानकारियों को एक दूसरे से साझा किया जा सके. सरकार का इसमें बड़ा रोल हैं सरकार को प्राइवेट सेक्टर को मजबूत करने के लिए कोशिश करना चाहिए. इजराइल में ऐसा ही किया जा रहा है.
सवाल- भारत और इजराइल किन क्षेत्रों में अपना सहयोग बढ़ा सकते हैं?
जवाब- आज के दौर में बायो टेक्नोलॉजी, क्वांटम टेक्नोलॉजी, फ्यूचर इंटेलिजेंस में भारत इजराइल एक साथ आ सकते हैं क्योंकि ये सार क्षेत्रों में बुलेट ट्रेन की रफ्तार से क्रांति आ रही है. हमारा मानना है कि भारत-इजराइल के सामने दुनिया के किसी दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा चुनौतियां हैं. ऐसे में ये वक्त की मांग है कि दोनों देश एक साथ काम करें. भारत की manufacture industry काफी मजबूत है ऐसे में अगर इजराइल का इनोवेशन ,तकनीकी साथ में आ जाए जो दोनों देशों के लिए काफी फायदेमंद होगा.