नई दिल्ली : मिशन चंद्रयान 2 में ISRO को बड़ी कामयाबी मिली है। विक्रम का पता चल गया है और ऑर्बिटर ने इसकी इमेज भेजी है। हालांकि, अभी तक विक्रम लैंडर से संपर्क नहीं हो पाया है, लेकिन वह किस लोकेशन पर है, उसकी पक्की जगह का पता चल गया है। ऑर्बिटर से अलग होने के बाद चंद्रमा की सतह पर उतरने के समय महज 2.1 किमी की दूरी पर विक्रम लैंडर से इसरो का संपर्क टूट गया था।
ISRO चीफ सिवन ने बताया कि ऑर्बिटर ने लैंडर विक्रम की तस्वीर भेजी है। सिवन ने कहा कि ऑर्बिटर ने लैंडर विक्रम का पता लगा लिया है। हालांकि अभी विक्रम लैंडर से संपर्क नहीं हो पाया है। सिवन के अनुसार विक्रम से कनेक्ट होने की कोशिश की जा रही है। सिवन ने कहा कि हमें नहीं पता की ‘हार्ड लैंडिंग’ के कारर ‘विक्रम’ मॉड्यूल को नुकसान पहुंचा है या नहीं।
शनिवार तड़केसॉफ्ट लैंडिंग के दौरान चांद की सतह से 2.1 किमी की ऊंचाई पर लैंडर विक्रम अपने तय रास्ते से भटक गया था और इसरो से इसका संपर्क टूट गया था।
ISRO अध्यक्ष के. सिवन ने कहा था कि चंद्रयान-2 मिशन अपने लक्ष्य में 100 प्रतिशत सफलता के करीब रहा। सिवन ने कहा था कि अगले 14 दिनों में विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित करने की कोशिश की जाएगी।
बताते चलें कि विक्रम से संपर्क टूटने के बाद से ही वैज्ञानिकों की टीम लगातार डाटा का विश्लेषण कर रही थी और लैंडर से संपर्क करने की कोशिश कर रही थी। इसरो ने पहले ही कह दिया था कि यह मिशन अभी खत्म नहीं हुआ है और लैंडर से संपर्क साधने की लगातार कोशिश हो रही है। इस काम में अगले 14 दिन बहुत अहम हैं और इस बीच हम लैंडर से संपर्क फिर से हासिल कर सकते हैं। इसरो को पूरी उम्मीद थी कि वह विक्रम से जल्द ही संपर्क करने में सक्षम होंगे।