इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रुड़की ने बीटेक प्रोग्राम में कम स्कोर की वजह से 73 स्टूडेंट्स को निकाल दिया है। दरअसल इन स्टूडेंट्स ने 5 सीजीपीए यानी कम्यूलेटिव ग्रेड प्वॉइंट एवरेज से कम स्कोर किया था।
बुधवार को हुई बैठक में मर्सी अपील पर सुनवाई के दौरान यह फैसला लिया गया. आपको बता दें कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब आईआईटी से स्टूडेंट्स को निकाला गया है। इससे पहले आईआईटी खड़गपुर के पूर्व डायरेक्टर ने भी 15-20 स्टूडेंट्स को खराब परफॉर्मेंस के लिए इंस्टीट्यूट से निकाल दिया था। लेकिन उसके बाद फैसले को वापस लेते हुए उन स्टूडेंट्स का दोबारा एडमिशन भी कर दिया गया।
बृहस्पतिवार को स्टूडेंट्स की मर्सी अपील को लेकर एक बैठक भी की गई। बैठक में 160 सीनियर प्रोफेसर, डिपार्टमेंट्स हेड और डायरेक्टर शामिल हुए। सूत्रों की मानें तो स्टूडेंट्स को निकालने का फैसला मई में आयोजित किए गए सेकेंड सेमेस्टर एग्जाम के बाद ही ले लिया गया था। एग्जाम में कम स्कोर आने के बाद कॉलेज प्रशासन ने स्टूडेंट्स के साथ एक बैठक भी की।
काउंसलिंग सेशन के समय कई स्टूडेंट्स का कहना है कि एकेडमिक वर्क का दवाब काफी ज्यादा है, वहीं कुछ स्टूडेंट्स ने पहले सेमेस्टर में पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान न देने की बात भी कही।
इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर ने कहा कि यह पहले से ही तय था. जिसके आधार पर स्टूडेंट्स को नोटिस दिया गया था। उन्होंने कहा कि यह फैसला स्टूडेंट्स की भलाई के लिए ही किया गया है, क्योंकि आने वाले सालों में अच्छा नहीं कर पाने पर इनके लिए कोई मौका नहीं बचता।
आपको बता दें कि एडमिशन के समय इन स्टूडेंट्स के पैरेंट्स ने एक घोषणापत्र पर भी हस्ताक्षर किए थे कि खराब परफॉर्मेंस के कारण स्टूडेंट्स को इंस्टीट्यूट्स से निकाला भी जा सकता है।