प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जापानी उद्योगपतियों के साथ बैठक की। उन्होंने एक बार फिर जापानी कंपनियों को आमंत्रित करते हुए कहा कि व्यापार के लिए भारत से अनुकूल जगह नहीं है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह भारत ‘लुक ईस्ट’ की नीति पर काम करता है, उसी तरह जापान को भी ‘लुक एट इंडिया’ की नीति अपनानी चाहिए।
अपने 100 दिन के काम को उपलब्धि बताते हुए उन्होंने एक बार फिर जीडीपी के ताजा आंकड़ों का हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं आपको यह भरोसा दिलाने आया हूं कि भारत में ‘रेड टेप’ (लाल फीताशाही) नहीं है, बल्कि आपके लिए रेड कारपेट बिछा है। हमने ‘मेक इन इंडिया’ का नारा दिया है. आपके लिए भारत से बेहतर जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत में 50 शहर मेट्रो ट्रेन निर्माण की कतार में हैं, इसलिए यहां जापान के लिए व्यापार की बड़ी संभावनाएं हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की पहचान सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में है जबकि जापान की हार्डवेयर में। जापान की क्वालिटी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि जब मैं छोटा था तो किसी चीज पर ‘मेड इन जापान’ लिखा देखता था, तो उसे खरीदने से पहले ज्यादा सोचना नहीं पड़ता था।
जापान में विवेकानंद कल्चरल सेंटर के कार्यक्रम में अनिवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब हम माउस चलाते हैं तब दुनिया चलती है। यह बात उन्होंने तब कही जब वह एक कोरियाई नागरिक के एक प्रसंग का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने बताया कि कोरियाई नागरिक ने एक बार उनसे पूछा कि क्या अब भी भारत में काला जादू और सपेरों का बोलबाला है। तब मैंने कहा, कि अब हमारा डिमोशन हो गया है। अब हमारे हाथ में माउस है और जब हमारा माउस चलता है, तब दुनिया चलती है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जहां कहीं भी गए हैं उनके बारे में शिकायत नहीं आई। इस सबका का श्रेय अनिवासी भारतीयों को जाता है। भारतीय पीएम ने अनिवासी भारतीयों से कहा कि आप लोगों से मिलकर खुशी हुई। मोदी ने लोगों से आग्रह किया कि अपने स्वाभिमान से समझौता न करें और अपने मूल से नाता कभी न तोड़ें। उन्होंने सबसे कहा कि अपनी भाषा में भी बात करते रहें। उन्होंने बताया कि जापान को और ज्यादा समझने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि भारत ने जापान के साथ बहुत अच्छे निर्णय किए हैं। उनका दावा है कि जापान ने हम पर भरोसा किया है।