अलग तेलंगाना के खिलाफ अनशन पर जगमोहन

jagmohan reddiअभी कुछ दिनों पहले ही जेल से जमानत पर निकले कांग्रेस के अध्यक्ष वाईएस जगनमोहन रेड्डी तेलंगाना के गठन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों के बीच अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं। इसके बाद से ही कई जगहों पर प्रदर्शनकारी हंगामा कर रहे हैं। ख़बरों के मुताबिक़ कांग्रेस नेताओं के घरों पर प्रदर्शनकारी पत्थर भी फेंक रहे हैं। पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प हो रही हैं।

जगनमोहन ने आज नाम लिए बगैर सोनिया गांधी पर साधा निशाना। उन्होंने कहा कि अपने बेटे को प्रधानमंत्री बनवाने के लिए राज्य के टुकड़े कर दिए। जगनमोहन का कहना है कि केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश विधानसभा में प्रस्ताव के बिना ही बंटवारे का फैसला लिया है जबकि छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड के गठन के वक्त विधानसभा में प्रस्ताव पारित किए गए थे।

जगन ने यहां दीक्षा’ शिविर में कहा हम केंद्र के (आंध्रप्रदेश को विभाजित करने के) फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के विभाजन में ‘कानूनी समस्याएं’ हैं। उन्होंने इस बात पर हैरत जताई कि छह सप्ताह में केंद्र कैसे समाधान खोज सकता है

जगन ने सवाल किया ‘जिस एकपक्षीय तरीके से केंद्र काम कर रहा है उसका हम विरोध करते हैं। राज्य विधानसभा में प्रस्ताव लाए बिना केंद्र सरकार राज्य के विभाजन की प्रक्रिया पर कैसे आगे बढ़ सकता है। उन्होंने कहा हमने राज्य में प्रस्ताव पारित हुए बिना विभाजन के बारे में कभी नहीं सुना।

वहीं आंध्र प्रदेश को बांटने के विरोध में टीडीपी यानी तेलगू देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू दिल्ली में सोमवार से आमरण अनशन करेंगे। आंध्र प्रदेश को विभाजित करने के केन्द्र के फैसले के विरोध में तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों में आज बंद के दूसरे दिन आम जनजीवन प्रभावित रहा।

बंद के पहले दिन सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों पर हमले सहित अन्य हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं। कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस के कार्यालयों पर हमले किए। आंध्र प्रदेश गैर-राजपत्रित अधिकारियों और एकीकृत आंध्र के अन्य समर्थकों ने 48 घंटों के बंद का आह्वान किया है, जबकि जगन मोहन रेड्डी नीत वाईएसआर कांग्रेस ने गैर तेलंगाना क्षेत्रों में 72 घंटे का बंद आहूत किया है। दोनों बंद शुक्रवार सुबह शुरू हुए थे। तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों में शिक्षण एवं कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे और इन क्षेत्रों में आम जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित रहा।