अमेरिकी कांग्रेस की पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी के धर्मशाला पहुंचने और तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा से मुलाकात करने से चीन बुरी तरह बिलबिला गया है. उसने अमेरिका को चेतावनी तक दे डाली है. इसी बीच खबर आ रही है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने पहले दौरे पर श्रीलंका जा रहे हैं. उनका यह दौरा बेहद खास है, क्योंकि चीन दशकों से श्रीलंका में अपना जाल बिछा रहा है, ताकि वह भारत को घेर सके. लेकिन अब तक भारत की कोशिशों की वजह से वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाया है.
लगातार दूसरी बार विदेश मंत्री बनने के बाद जयशंकर का यह पहला द्विपक्षीय विदेश दौरा होगा. विदेश मंत्रालय ने कहा, यह यात्रा भारत की ‘पड़ोसी प्रथम नीति’ के तहत हो रहा है. यह श्रीलंका के प्रति भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, क्योंकि श्रीलंका भारत का सबसे ‘‘निकटतम’’ पड़ोसी देश है. इतना ही नहीं, यह समय की हर कसौटी पर खरा उतरने वाला दोस्त है. विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि जयशंकर की यात्रा से दोनों देशों के बीच संपर्क परियोजनाओं एवं अन्य क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग को गति मिलेगी.
‘व्यापक मुद्दों’ पर बातचीत करेंगे
इससे पहले जयशंकर पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री के साथ इटली गए थे. जहां अपुलिया में G-7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने हिस्सा लिया था. 11 जून को विदेश मंत्री का पदभार संभालने के बाद जयशंकर की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी. विदेश मंत्रालय ने कहा, विदेश मंत्री इस दौरान श्रीलंका के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे और उनसे ‘व्यापक मुद्दों’ पर बातचीत करेंगे.