polio

इस साल प्रथम पल्स पोलियो अभियान 19 जनवरी से

polioगया। भारत को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया। यह सतत प्रयास से ही संभव हो सका। ‘कोई मइया रूठे नहीं और कोई बच्चा छूटे नहीं’आदि नारा पोलियो अभियान को कामयाबी के शिखर तक पहुंचाया। आज स्वास्थ्य जगत से जुड़े एवं अन्य सभी भारतवासी खुश हैं।

पोलियो मुक्त होने के बाद भी अभियान चलेगाः सभी लोगों के सामूहिक प्रयास से पल्स पोलियो अभियान चलता रहेगा। इस साल के प्रथम पल्स पोलियो अभियान 19 जनवरी से शुरूहोगा। इस साल केवल जनवरी,फरवरी,मार्च, जून, सितम्बर और नवम्बर माह में ‘दो बूंद दवा और पोलियो हो हवा’ का अभियान चलाया जाएगा।

आखिरकार पोलियो को हवा-हवा करके ही दम लियेःसभी का हाथ और सभी का साथ मिलने से असर सामने दिखा। वर्ष 2010 से एक भी बच्चे पोलियो के शिकार नहीं हुए। इसके चलते 13 जनवरी,2014 को भारत को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया। एक नहीं तीन साल से खुशी को दबाकर रखने वाले को नववर्ष 2014 का तौफा मिल गया। पोलियो से मुक्त देशों में भारत भी शुमार हो गया।

देश से जानलेवा चेचक का उन्मूलन हो सकाः देश से जानलेवा चेचक का उन्मूलन होने के बाद पोलियो भी समूल नष्ट हो गया। वर्ष 1985 से पल्स पोलियो अभियान शुरू हुआ। यूनिसेफ और रोटरी क्लब के सदस्यों ने खुब धन और मन लगाएं। दिल के धड़कन की तरह जोरशोर से पोलियो अभियान शुरू किया गया। इसमें सभी लोगों ने दिल खोलकर सहयोग देखा शुरू कर दिये। जगह-जगह शिविर लगाकर बच्चों को पोलियो की दो बूंद दवा पिलानी शुरू कर दी गयी। इसका असर अधिक पड़ने लगा।

प्रत्येक माह पोलियो अभियान चलाया गया। अभियान बढ़ता गया और इसको लेकर अफवाहों की बाजार भी गरम होने लगी। पोलियो की खुराक पिलाने के बाद परिवार नियोजित हो जाएगा? एक समुदाय की ओर इंगित करने अफवाहा फैलायी गयी कि उनके द्वारा दवा नहीं पिलायी जाती है। इस बीच पोलियो की खुराक पिलाने से इंकार करने वालों को इंकार तुड़वाने का खास उपाय खोज लिया गया। ए.एन.एम.दीदी से दवा पिलाने से इंकार करने वालों को वरीय चिकित्सकों के द्वारा व्यक्तिगत लोगों से मिलकर इंकार तुड़वाया जाता था।

इन 28 साल के दौरान ए.एन.एम.दीदीः ए.एन.एम.दीदी, आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविका, सामाजिक कार्यकर्ताओं आदि को घर-घर घूमकर बच्चों को पोलियो की खुराक दी गयी। इसमें सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं का भी अमूल्य सहयोग मिला है। इन दिनों पैक्स के सहयोग से प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा गया जिले के मानपुर,बाराचट्टी और बोध गया प्रखंडों में भूमि अधिकार अभियान और स्वास्थ्य को लेकर कार्य किया जा रहा है।

इसके अलावे जहानाबाद, नालंदा, दरभंगा, बांका, भोजपुर, अररिया और कटिहार के प्रखंडों में भी दोनों मुद्दों पर कार्य किया जा रहा है। इनके कार्यकर्ताओं के सहयोग को भी नकारा नहीं जा सकता है। आज व्हील चेयर पर बैठने वाली संजू कुमारी काफी खुश है। अब मेरे सदृष्य बच्चों को होना नहीं पड़ेगा। अब भी पोलियो अभियान चलेगा। उसमें माताजी अपने नौनिहालों को जरूर ही पोलियो की खुराक दिलवाने में पीछे नहीं रहें।