आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल की सज़ा काट रहीं एआईएडीएमके प्रमुख जयललिता अभी जेल में ही रहेंगी। कर्नाटक हाई कोर्ट ने उनको जमानत देने से इनकार कर दिया है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को दिन भर चली सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। इससे पहले यह अफवाह फैल गई थी कि जयललिता को जमानत मिल गई है। यह अफवाह सुनते ही जयललिता के समर्थक पटाखे फोड़ने लगे थे।
दरअसल, जयललिता को जमानत की अफवाह समर्थकों के अति-उत्साह के चलते फैली। सूत्रों के मुताबिक, कोर्ट में जब फैसला पढ़ा जा रहा था, तब अभियोजन पक्ष के वकील जी भवानी सिंह ने सशर्त जमानत दिए जाने का विरोध नहीं किया, इसके तुरंत बाद ही समर्थकों ने यह मान लिया कि जयललिता को जमानत दे दी गई। जबकि सिंगल बेंच के जज एवी चंद्रशेखर ने जयललिता की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
इससे पहले जयललिता की जमानत याचिका पर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने फैसला दोपहर 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था। जयललिता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने पैरवी की। वहीं, पुलिस ने इस सुनवाई को ध्यान में रखकर न्यायालय के आसपास तथा अन्य स्थानों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी, ताकि कोई अप्रिय घटना नहीं घटे। पुलिस ने धारा 144 के अंतर्गत निषेधाज्ञा भी लागू कर दी थी।
गौरतलब है कि जयललिता को आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में चार वर्ष के कारावास और 100 करोड़ रुपए जुर्माने की सजा दी गई है। उन्होंने उच्च न्यायालय में निचली अदालत के इस फैसले को चुनौती देने के साथ जमानत के लिए भी आवेदन किया है। जयललिता के अतिरिक्त उनके निकटस्थ तीन अन्य लोगों को भी कारावास तथा जुर्माने की सजा दी गई है।