बेंगलुरु: आय से अधिक संपत्ति मामले में जयजललिता को तत्काल कोई राहत नहीं मिल पाई है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनके जमानत आग्रह और दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 6 अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर दी है, इसलिए अब उन्हें सुनवाई की तिथि तक जेल में ही रहना होगा।
त्यो।हारों की छुट्टियां होने के कारण फिलहाल जयललिता को जेल में ही रहना होगा। उनकी तरफ से अदालत में चार याचिकाएं दायर की गई हैं। इनमें से एक याचिका सजा रद्द करने, दूसरी फैसले पर पुनर्विचार, तीसरी जमानत के लिए और चौथी फैसले पर रोक के लिए है। मशहूर वकील राम जेठमलानी कोर्ट में जयललिता का पक्ष रखेंगे। उधर, एआईएडीएमके प्रमुख के समर्थन में तमिलनाडु में मंगलवार को सभी सिनेमाहॉल बंद रहे। दक्षिण भारत के फिल्म निर्माताओं और अभिनेत्रियों ने जयललिता की रिहाई की मन्न त रखते हुए एक दिन का उपवास भी रखा।
अभियोजन पक्ष का दावा है कि जयललिता के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, जिसकी वजह से उन्हेंद कोर्ट से राहत नहीं मिल पाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सुनवाई के दौरान कोर्ट में वे कागजात रखे जाएंगे, जिनमें जमीन खरीदने के लिए नकद पैसों के इंतजाम के लिए जयललिता के नाम का इस्तेमाल किया गया था।
अभियोजन पक्ष का कहना है कि इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट ने जयललिता को 4 साल की जेल और 100 करोड़ जुर्माने की सजा सुनाई है, इसलिए इन्हें नकारा नहीं जा सकता। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, जयललिता और उनकी करीबी शशिकला नटराजन ने 66 करोड़ रुपए से 3000 एकड़ जमीन खरीदी थी। यह संपत्ति 1990 से 1996 के बीच खरीदी गई थीं। बता दें कि जब जयललिता पहली बार सीएम बनी थीं, तब उन्होंने अपनी संपत्ति 2 करोड़ रुपए बताई थी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, ज्यादातर जमीन 6 कंपनियों से खरीदी गई हैं। उनमें लेक्स प्रॉपर्टी डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड, रामराज एग्रो मिल्स, मिडो एग्रो फार्म्स, रिवरवे एग्रो प्रोडक्ट्स, इंडो-दोहा केमिकल्स एंड फार्मा और सिग्नोरा बिजनेस एंटरप्राइजेस शामिल हैं। इन कंपनियों में शशिकला और उनके रिश्तेदार अरसे तक डायरेक्टर रहे हैं।
उधर अपनी याचिकाओं में तत्काल जमानत मांगते हुए और अपनी सजा को चुनौती देते हुए जयललिता ने उल्लेख किया है कि उन पर लगे संपत्ति अर्जित करने के आरोप झूठे हैं और उन्होंने कानून सम्मत साधनों से संपत्ति हासिल की थी।जयललिता ने अपील में अपनी दोषसिद्धि को निलंबित करने का आग्रह किया और 100 करोड़ रुपये का जुर्माना देने से भी इनकार कर दिया।
जयललिता ने यह भी तर्क दिया कि निचली अदालत ने कई फैसलों की अनदेखी की गई है और बाध्यकारी प्रकृति के कई आयकर आदेशों और आयकर अपील प्राधिकरण के फैसलों पर विचार नहीं किया, जिसने उनके द्वारा बताए गए आय और व्यय के स्तर को स्वीकार कर लिया था। पूर्व मुख्यमंत्री की सहयोगी शशिकला, उनके रिश्तेदार वीएन सुधाकरन, पूर्व मुख्यमंत्री के परित्यक्त पुत्र, और इलावरासी ने भी उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर जमानत मांगी है और अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी है।