उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर में बनने वाला जेवर एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। पांच हेक्टेयर क्षेत्रफल व आठ रनवे के साथ जेवर एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनेगा जिसका निर्माण कार्य अगले साल जनवरी से शुरू होगा। एयरपोर्ट की शुरुआत दो रनवे से होगी। लेकिन बाद में यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ ही जेवर एयरपोर्ट पर बाकी रनवे का निर्माण किया जायेगा, एयरपोर्ट का निर्माण कार्य चार फेज़ में किया जायेगा, फेज़-एक(2020-2022), फैज़-दो(2028-2030), फैज़ -तीन(2033-2035) और फेज़-चार(2037-2039)।एयरपोर्ट से हवाई सेवाओं की शुरुआत 2022-2023 से होने का लक्ष्य है।
जेवर एयरपोर्ट के निर्माण से बेरोजगार लोगों को फायदा होगा, ऐसा माना जा रहा है कि एयरपोर्ट के निर्माण से एक लाख से भी अधिक लोगों को रोज़गार मिलेगा। एयरपोर्ट के पास एयरोसिटी बनाई जायेगी जिसमे मल्टीप्लेक्स, मॉल, पब, कंवेंशन सेंटर, मंडी आदि विकसित की जाएगी। इससे किसानों को भी बड़ा फायदा होने का अनुमान किया जा रहा है, किसानो की फसल विश्व मार्केट तक पहुंचेगी। इतना ही नहीं इस परियोजना से प्रभावित और विस्थापित परिवारों के पुनर्वासन और पुनर्स्थापन के लिए 894 करोड़ रुपये की मंजूरी की गयी हैं। दिल्ली एनसीआर को जोड़ने का काम करेगा ये एयरपोर्ट, इसके लिए मेट्रो का सहारा लिया जायेगा 2025 तक एयरपोर्ट मेट्रो दौड़ने लगेगी। ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क दो से एयरपोर्ट तक करीब 35 किमी लंबे मेट्रो ट्रैक का निर्माण होगा। इस पर 5708 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। एयरपोर्ट टर्मिनल तक मेट्रो रूट पर 25 स्टेशन होंगे।
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जेवर एयरपोर्ट को कनेक्टिविटी के लिए प्रदेश सरकार केंद्र को पहले ही प्रस्ताव भेज चुकी है। एलिवेटिड रोड से दोनों एयरपोर्ट को जोड़ने की योजना बनाई गयी है।