रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के सोमवार को आए परिणामों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत गठबंधन को बड़ी जीत मिली है। कांग्रेस और राजद घटक दलों वाले इस गठबंधन को 81 में से 47 सीटें (घोषित और रुझान) मिलने जा रही हैं। यदि रुझान परिणाम में तब्दील हुए तो गठबंधन अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल करेगा और झामुमो सबसे बड़ी पार्टी होगी। वहीं, राज्य में अकेले ही चुनाव लड़ने वाली सत्तारूढ़ भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। वह 12 सीटों के नुकसान के साथ सिर्फ 25 सीटों पर सिमटती दिख रही है। उल्लेखनीय है कि बिहार में भाजपा के साथी दल- जदयू और लोजपा ने भी अलग-अलग चुनाव लड़ा था।
सबसे अहम यह कि खुद मुख्यमंत्री रघुवर दास भी जमशेदपुर (पूर्व) सीट पर चुनाव हार रहे हैं। दास ने हार स्वीकार करते हुए कहा है कि ‘यह भाजपा की नहीं बल्कि उनकी हार है।”
जबकि गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने जीत का श्रेय अपने पिता शिबू सोरेन को देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आगे की रणनीति साथी दलों के साथ मिल कर तय करेंगे। हेमंत इससे पहले 2013 में राज्य के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने और दिसंबर 2014 तक इस पद पर रहे थे।
भाजपा का शासन 71 फीसदी भूभाग से घटकर 35% पर पहुंचा
पिछले करीब एक साल में भाजपा के हाथ से पांच राज्य फिसल गए हैं। इस तरह पार्टी का 2017 में जहां देश के 71 फीसदी भूभाग पर शासन था, अब वह सिमट कर 35 फीसदी पर आ गया है। विश्लेषणों के अनुसार, भाजपा तथा उसके सहयोगी दल दो साल पहले 69 फीसदी आबादी पर राज करते थे, जो अब सिमट कर 43 फीसदी तक आ पहुंचा है।
इसके पहले 2018 में भाजपा ने 2018 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा राजस्थान में सरकार खो दी थी। जबकि 2019 में उसे हरियाणा में चुनाव बाद गठबंधन करके सरकार बनानी पड़ी। लेकिन महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन टूटने से उसे वहां भी सत्ता गंवानी पड़ी।
हेमंत सोरेन, गठबंधन के सीएम उम्मीदवार
हम झारखंड की जनता द्वारा दिए गए जनादेश का सम्मान करते हैं। भाजपा को 5 वर्षों तक प्रदेश की सेवा करने का जो मौका दिया था, उसके लिए हम जनता का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं। भाजपा निरंतर प्रदेश के विकास के लिए कटिबद्ध रहेगी। सभी कार्यकर्ताओं का उनके अथक परिश्रम के लिए अभिनंदन।