नई दिल्ली : मुंबई हमले के गुनहगार याकूब मेमन की फांसी रोकने से इंकार करने वाले सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश दीपक मिश्र को जान से मारने की धमकी दी गई है। न्यायमूर्ति मिश्र के तुगलक रोड स्थित सरकारी आवास पर गत दिवस आई गुमनाम चिट्ठी में कहा गया है कि उन्हें (मिश्र) जितनी सुरक्षा बढ़ानी है बढ़ा लें। वे उन्हें खत्म कर देंगे।
न्यायमूर्ति के आवास पर धमकी भरा पत्र आने की सूचना तत्काल तुगलक रोड थाने और पुलिस कंट्रोल रूम को दे दी गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी के साथ ही अन्य आला अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों को घटनाक्रम से अवगत कराया गया। पुलिस ने भी आनन फानन मुकदमा दर्ज कर लिया।
मामले की जांच में स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच के अलावा तमाम सुरक्षा एजेंसियां जुट गई हैं। नई दिल्ली जिला के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) विजय सिंह ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्र को धमकी भरा पत्र भेजे जाने की पुष्टि की। सिंह ने कहा,न्यायमूर्ति के बंगले के चारों तरफ सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई।
गौरतलब है कि मुंबई में 1993 में हुए सीरियल ब्लास्ट के जिम्मेदार याकूब मेमन की फांसी की सजा रोकने से इंकार करने वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ का नेतृत्व दीपक मिश्रा ने ही किया था। पीठ में न्यायमूर्ति प्रफुल्ल पंत व न्यायमूर्ति अमिताव राय भी शामिल थे। याकूब के अधिवक्ता ने पीठ के समक्ष दो बार फांसी रोकने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर की थी। नियमत: पीठ का नेतृत्व करने वाला न्यायाधीश ही अंतिम फैसला लिखाते (डिक्टेट) हैं। याकूब को फांसी दिए जाने संबंधी आदेश न्यायमूर्ति मिश्र ने लिखाया था। संभवत: इसलिए भी केवल उन्हें ही धमकी दी गई है।