नई दिल्ली : तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा भारत में 1975 में लगाया गया आपातकाल भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे बड़ी घटना है। आज की पीढ़ी आपातकाल के बारे में सुनती जरूर है, लेकिन उस दौर में क्या घटित हुआ, इसका देश और तब की राजनीति पर क्या असर हुआ, इसके बारे में बहुत कम ही पता है।
जानिये, आपातकाल से जुड़ी ये ख़ास बातें
अब से चालीस वर्ष पहले यानी 25-26 जून की दरमियानी रात 1975 से 21 मार्च 1977 तक (21 महीने) के लिए भारत में आपातकाल घोषित किया गया था।
तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी थी।
स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक समय था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए थे और सभी नागरिक अधिकारों को समाप्त कर दिया गया था।
इसकी जड़ में 1971 में हुए लोकसभा चुनाव का था, जिसमें उन्होंने अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी राजनारायण को पराजित किया था। लेकिन चुनाव परिणाम आने के चार साल बाद राजनारायण ने हाईकोर्ट में चुनाव परिणाम को चुनौती दी।
12 जून 1975 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जगमोहन लाल सिन्हा ने इंदिरा गांधी का चुनाव निरस्त कर उन पर छ: साल तक चुनाव न लड़ने का प्रतिबंध लगा दिया और उनके मुकाबले हारे और श्रीमती गांधी के चिरप्रतिद्वंद्वी राजनारायण सिंह को चुनाव में विजयी घोषित कर दिया था।
राजनारायण सिंह की दलील थी कि इंदिरा गांधी ने चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया, तय सीमा से अधिक पैसा खर्च किया और मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया।
अदालत ने इन आरोपों को सही ठहराया था। इसके बावजूद श्रीमती गांधी ने इस्तीफा देने से इंकार कर दिया। तब कांग्रेस पार्टी ने भी बयान जारी कर कहा था कि इंदिरा गांधी का नेतृत्व पार्टी के लिए अपरिहार्य है।
इसी दिन गुजरात में चिमनभाई पटेल के विरुद्ध विपक्षी जनता मोर्चे को भारी विजय मिली। इस दोहरी चोट से इंदिरा गांधी बौखला गईं।
इंदिरा गांधी ने अदालत के इस निर्णय को मानने से इनकार करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने की घोषणा की और 26 जून को आपातकाल लागू करने की घोषणा कर दी गई।
उस समय आकाशवाणी ने रात के अपने एक समाचार बुलेटिन में यह प्रसारित किया कि अनियंत्रित आंतरिक स्थितियों के कारण सरकार ने पूरे देश में आपातकाल (इमरजेंसी) की घोषणा कर दी गई है।
आकाशवाणी पर प्रसारित अपने संदेश में इंदिरा गांधी ने कहा था, ‘जब से मैंने आम आदमी और देश की महिलाओं के फायदे के लिए कुछ प्रगतिशील कदम उठाए हैं, तभी से मेरे खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही थी।