कन्हैया लाल की हत्या में ‘कानपुर कनेक्शन’ आया सामने, दावत-ए-इस्लामी पर NIA ने कसा शिकंजा

राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के मामले की जांच तेज है. जांच एजेंसी NIA की टीम तफ्तीश करने उत्तर प्रदेश के कानपुर पहुंची है. एनआईए हत्याकांड के पीछे आतंकी साजिश की जांच कर रही है. जांच एजेंसी दावत-ए-इस्लामी पर शिकंजा कस रही है.

बता दें कि कानपुर में दावत-ए-इस्लामी का मरकज है. आरोपी मोहम्मद रियाज इसी संस्थान से जुड़ा था. इस संगठन का मुख्यालय पाकिस्तान में हैं और कहीं ना कहीं भारत में हिंसा फैलाने की कोशिशों से जुड़े तार सामने आ रहे हैं.

कन्हैया लाल की हत्या के बाद रियाज ने सोशल मीडिया पर जिस तरह से वीडियो जारी किया था, उसके बाद दावत-ए-इस्लामी संगठन जांच के घेरे में आया था. कानपुर पुलिस को दावत-ए-इस्लामी के संचालक सरताज की तलाश है. बताया जा रहा है कि उसके घर में छापेमारी हो सकती है. कानपुर पुलिस ने मदद के लिए NIA से भी संपर्क साधा है.

सरताज तलाक महल का रहने वाला है. मुस्लिम क्षेत्रों में इस संगठन के करीब 50 हजार समर्थक हैं. दावत-ए-इस्लामी का सबसे पहले मरकज कर्नलगंज स्थित एक मस्जिद में था, फिर कर्नलगंज क्षेत्र के ही लकड़मंडी स्थित एक मस्जिद में बनाया गया. पुलिस की टीम कुल 4 मदरसों में भी गई थी, जिनमें एक कानपुर में है और तीन उन्नाव में.

उधर, कानपुर स्थित सूफी खानकाह एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद कौसर हसन मजीदी को कथित तौर पर एक फोन कॉल आया, जिसमें उदयपुर की घटना की निंदा करने और सुन्नी इस्लामिक संगठन ‘दावत-ए-इस्लामी’ के खिलाफ अभियान शुरू करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई है. यह जानकारी पुलिस ने दी. मजीदी ने जूही थाने में शिकायत दर्ज कर कानपुर में दावत-ए-इस्लामी की गतिविधियों की जांच की मांग की थी.

उन्होंने प्रवक्ता के रूप में भी उदयपुर की घटना की निंदा की थी, जिसके बाद उनके मोबाइल फोन पर एक अज्ञात कॉलर ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी. पुलिस ने कहा कि वे मामले के संबंध में मजीदी की शिकायत की जांच कर रहे हैं. मजीदी ने इससे पहले 2021 में कानपुर में दावत-ए-इस्लामी के संचालन की जांच के संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी.