वाकया कुछ इस प्रकार है कि कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने बर्रा विश्व बैंक यूपीयूडीपी योजना के तहत ईडब्ल्यूएस (25 .20 स्क्वायर-मीटर) के आवासीय प्लाट आवंटित किए हैं। इस योजना के नियम के तहत ये प्लाट केवल 39,600 रूपए वार्षिक आमदनी वाले बीपीएल कार्डधारक को ही आवंटित किए जाने हैं।
नियमानुसार दबौली-2 निवासी प्रभात कुमार ने प्लाट के लिए आवेदन किया जिसके तहत प्रभात को ई-370 भूखण्ड आवंटित किया गया। जिसकी एकमुश्त 38000 रूपए पंजीकरण राशि केडीए ने जमा करा ली और इसके बाद कुल कीमत का एक चैथाई की मांग 57,125 जमा करने को कहा गया। इसके उपरान्त 01 अगस्त 2013 से 3,772 रूपए की मासिक किस्त दस सालों के लिऐ बना दी गई।
इस प्रकार केडीए भूखण्ड की कुल कीमत 509,765 रूपए बसूल कर रहा है। यदि इस हिसाब से कुल भूखण्ड की वार्षिक औसत जमा की जाने वाली राशि देखी जाए तो यह लगभग 51000 रूपए वार्षिक बनती है। ऐसे में 39,600 रूपए वार्षिक आमदनी वाले बीपीएल कार्ड धारक को यह स्कीम मजा़क सरीखी है।
जब सोशल ऑडिटर टीम ने हकीकत जांची तो इसको लेकर सोशल ऑडिटर इंजीनियर पकज कुमार और सिविल वर्क विशेषज्ञ संजय कटियार का कहना है कि यह स्कीम गरीबों के लिए नही बल्कि अमीरों के लिए है गरीब यदि किसी भी तरह से खरीद भी लेगा तों भूमाफियाओं के हाथ ही जाएगी। लगता है इसी लिए केडीए ने तिकड़म से स्कीम रची है।
सीपी त्रिपाठी, अपर सचिव केडीए से इस विषय पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा ‘‘ये स्कीम मैने तो बनाई नहीं है, केडीए तो स्कीम से ही भूखण्ड की राशि बसूल करेगा।’’