कानपुर। देश में बढ़ते आतंकवादी घटना और हाल ही में बिहार के महाबोधि मंदिर में हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद अब कानपुर की सुरक्षा तीसरी आँख यानी सीसीटीवी कैमरो से किया जाएगा, जिससे शहर के क्राइम में नब्बे फीसदी अंकुस लग सकता हैए जी हां ये हमारा दावा नहीं बल्कि कानपुर के एस एस पी यशस्वी यादव का है, और इस तकनीकि पर उन्होंने अमल करना शुरू भी कर दिया है।
वर्तमान में कानपुर की जनसँख्या साठ लाख लाख के आंकड़े को पार कर चूका है, जबकि पुलिस
की संख्या इस जनसँख्या के मुकाबले एक फीसदी के आस पास हैए एसे में शहर में क्राइम को को रोकना पुलिस के लिए हमेसा चुनौती बना रहताए एसे में हमें उन विकसित देशो से सीख लेनी चाहिए, जहा हर महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के साथ शहर के महत्वपूर्ण जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे रहते है, जिससे शहर में कही भी कोई क्राइम होता है तो उन कैमरे की फूटेज की सहायता से क्रिमिनल को चंद घंटे के अन्दर दबोच लिया जाता है, जी हां ये कहना है कानपुर के एस एस पी का।
एस एस पी के मुताबिक़ अगले दो महीने यानी सितम्बर तक पुरे कानपुर में पन्द्रह सौ कैमरे लगाने की योजना है, इसके अलावा कानपुर के महत्वपूर्ण मंदिरए मज्जिदए गिरजाघर और गुरुद्वारों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने की सलाह वहा के व्यवस्थापक को दी हैए इसके अलावा शहर के सभी उद्योगपतिए कारोबारिओ को भी इस तकनिकी का इस्तेमाल करने की अपील की गयी है।
साथ ही इन सीसीटीवी कैमरे को इंटरनेट नेट से जोड़ने की भी अपील की गयी है, ताकि पुलिस कंट्रोल रूम में बैठे बैठे पुरे शहर पर निगाह रख सकेए और अगर शहर में कोई अप्रिय घटना घटती है या घटने वाली हो तो पुलिस वहा अविलम्ब पहुँच जाए।
उधर एस एस पी के सलाह का असर भी शहर में दिखने लगा है, कानपुर के शनि मंदिर में जहा सात सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है, इसके अलावा कानपुर के पनकी में स्थित सबसे बड़े हनुमान मंदिर में भी करीब एक दर्जन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है, इसके अलावा सावन और रमजान को देखते हुए कानपुर के सबसे महत्वपूर्ण भगवान् शिव के मंदिर परमट में भी करीब डेढ़ दर्जन सीसीटीवी कैमरे लगाने की कवायत शुरू कर दी गयी है, साथ ही शहर के सबसे बड़े ईदगाह में भी चौबीस सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है।