कानपुर। कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) के कर्मचारियों व अधिकारियों पर हमेशा ही गंभीर आरोप लगते रहते हैं लेकिन सरकारी मशीनरी में जांच करने की बात कह किसी न किसी तरह से उन्हें सक्षम अधिकारियों द्वारा बचा ही दिया जाता है। इसीलिए कानपुर विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों के हौंसले बुलन्द रहते हैं और ठगी से लेकर बड़े-बड़े फर्जीवाड़े करने में वे जरा भी संकोच नहीं करते हैं।
ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है जिसमें एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी ने कई लोगों को मकान व प्लाॅट दिलाने का झांसा देकर उन्हें ठगी का शिकार बना डाला। कर्मचारी ने ठगी के शिकार लोगों को काफी दिनों तक टरकाया लेकिन जब उन्हें पता चला कि कर्मचारी ने फर्जीवाड़ा कर दिया है तो ठगे गए लोगों ने कानपुर प्राधिकरण भवन के अन्दर ही जमकर हंगामा काटा। इस दौरान हंगामा कर रहे लोगों ने कर्मचारी के साथ मारपीट भी की। इस दौरान आरोपी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने किसी तरह अपर सचिव के कक्ष में घुसकर अपनी जान बचाई।
नौबस्ता के दामोदर नगर निवासी सोनी पत्नी सागर ने बताया कि कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) के जोन-4 में मेट (चतुर्थ श्रेणी) के पद पर कार्यरत मदन मोहन श्रीवास्तव पुत्र ज्वाला प्रसाद ने उससे कहा कि 4 हजार रूपये अलग से दे दो तो केडीए की एक योजना के तहत एक प्लाॅट आवंटित करवा दूंगा।
सोनी ने एक जमा रसीद दिखाते हुए बताया के मदन मोहन श्रीवास्तव ने मुझसे रुपये ले लिए और आवेदन पत्र में अपने घर का पता देकर फाॅर्म भर दिया और कहा कि जल्द ही प्लाॅट आवंटित हो जायेगा। उसने यह भी बताया कि जब प्लाॅट नहीं आवंटित हुआ तो उसने केडीए में पता लगाया तो मालूम पड़ा के मदन मोहन श्रीवास्तव ने उसे ठगी का षिकार बना डाला है। सोनी ने बताया कि जब मदन मोहन से रुपये मांगे तो उसने इंकार करते हुए कहा कि मैने तो आपसे रुपये लिए ही नहीं है। इस पर सोनी के साथ आये लगभग एक दर्जन लोगों ने केडीए भवन के अन्दर ही हंगामा करना शुरू कर दिया और मदन मोहन श्रीवास्तव के साथ हांथापाई कर दो-चार थप्पड़ जड़ दिए इसी बीच वह अपने बचाव के लिए अपर सचिव सीपी त्रिपाठी के कक्ष में घुस गया और उनसे बोला कि उसे फंसाया जा रहा है। यह सुन सीपी त्रिपाठी ने हंगामा कर रहे लोगों को शांत करवाया।
मूक दर्शक बने सुरक्षा गार्ड
केडीए भवन में तैनात सुरक्षा गार्ड मूक दर्शक बने रहे और माडिया कर्मियों से यह कहते सुने गए कि फोटो खींच लो और यह घटना जरूर छपनी चाहिए क्योंकि यह कर्मचारी बहुत लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना चुका है। इससे जाहिर हुआ कि केडीए के अधिकारी सबकुछ जानते हुए मौन बने रहते हैं और केडीए में काम करवाने के बदले लेन-देन का धंधा खूब फलफूल रहा है।
कर्मचारी का बेटा करता है केडीए की दलाली
नाम न छापने की षर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि मदनमोहन श्रीवास्तव अपने बेटे अतुल श्रीवास्तव से केडीए की दलाली करवाता है और तमाम फर्जीवाड़े करवा चुका है। अगर जांच सही तरीके से करवाई जाये तो तमाम मामले सामने आ सकते है। इस दौरान कई लोगों ने बताया कि मदन मोहन श्रीवास्तव अकूत सम्पत्ति का स्वामी है इस लिए उसकी सम्पत्ति की जांच भी करवाई जाये।
महिला प्रार्थनापत्र देगी और अगर ठगी का षिकार हुई महिला की शिकायत जांच में सही साबित होगी तो आरोपी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।’’ -सीपी त्रिपाठी, अपर सचिव, कानपुर विकास प्राधिकरण, कानपुर।