नई दिल्ली : 1 मई को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के कृष्णा घाटी इलाके में दो भारतीय जवानों से बर्बरता करने वाली पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) का जिक्र बार-बार आ रहा है। BSF जवान प्रेम सागर और परमजीत सिंह के शवों को क्षत-विक्षत करने का काम पाकिस्तान की इसी बैट ने किया था। जब यह हमला हुआ, उस वक्त बीएसएफ की 10 सदस्ययी टीम पेट्रोलिंग के लिए निकली थी। इस हमले में बीएसएफ की 200वीं बटालियन के हेड कॉन्सटेबल प्रेम सागर और 22 सिख के नायब सूबेदार परमजीत सिंह शहीद हो गए थे।
जानिए, क्या है पाकिस्तान की इस खूंखार टीम का काम –
पाकिस्तान बैट का इस्तेमाल नियंत्रण रेखा के आसपास छापेमारी के लिए करता है। पाकिस्तानी आर्मी का स्पेशल सर्विस ग्रुप बैट का मुख्य हिस्सा है। इसका मुख्य काम छिपकर रेड डालना और बर्बर तरीके अपनाकर एलओसी पर हावी होना है।
भारतीय अफसरों ने कहा कि इस टीम में सैनिकों के अलावा विद्रोही भी शामिल होते हैं, जो उन्हें अलग-अलग मिशन में सहयोग देते हैं। स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमांडोज को पाकिस्तान में सबसे बेहतर ट्रेनिंग दी जाती है और अपने खास हेडगियर के कारण इन्हें ब्लैक स्टोर्क्स भी कहा जाता है।
एलओसी पर छोटी और तेज कार्रवाई बैट के लिए कोई नया नहीं है, वह अकसर नियंत्रण रेखा पर एेसे काम दोहराते रहते हैं।
बैट ने ही भारतीय सैनिक हेमराज के सिर को धड़ से अलग कर दिया था। इसके अलावा साल 2013 में 5 सैनिकों का बेरहमी से कत्ल भी बैट ने ही किया था।
2012-2014 तक भारत के डीजीएमओ रहे लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने कहा कि इस तरह की टीम में 4-10 लोग हो सकते हैं। पाकिस्तानी सेना अकसर नियंत्रण रेखा पर एेसी कार्रवाई का समर्थन करती है।
ऐसे दी जाती है BAT को ट्रेनिंग
बैट के लिए चुने गए जवानों को 8 महीने पाकिस्तानी सेना और 4 हफ्ते पाकिस्तानी एयर फोर्स में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है। ये लोग गुरिल्ला अटैक में भी माहिर होते हैं। इस टीम में आतंकियों को भी शामिल किया जाता है, ताकि अगर ये लोग पकड़े जाएं तो उसका आरोप पाकिस्तान पर न लगे।
कब-कब किया BAT बैट ने प्रहार
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में बैट ने एलओसी के पास माछिल सेक्टर में एक भारतीय जवान का शव क्षत-विक्षत कर दिया था।
साल 2008 में 2/8 गोरखा राइफल्स के एक जवान को बैट ने अगवा कर लिया था और कुछ दिनों बाद उसका सिर कलम कर दिया था।
साल 2000 में अशोक लिस्निंग पोस्ट पर तैनात 7 भारतीय जवानों की हत्या की थी।
करगिल युद्ध के वक्त कैप्टन सौरभ कालिया को बैट ने बहुत टॉर्चर किया था। उनके शव को कुछ समय बाद भारत को सौंपा गया था।