पटना: एससी-एसटी एक्ट को लेकर देश में हो रही बहस के बीच गया में इस एक्ट के दुरुपयोग का एक मामला सामने आया है। दरअसल 23 अगस्त को डोभी थाना में बीजा टोला की ललिता देवी के आवेदन पर डोभी के ग्रामीण चिकित्सक संजीव कुमार के खिलाफ इलाज के दौरान रेप करने का मामला दर्ज किया जिसमें, एससी एसटी एक्ट भी लगाया।
पर 5 सिंतबर को ललिता देवी नामक महिला सीधे एसएसपी कार्यालय मे आवेदन देकर डोभी थाना प्रभारी पर फर्जी तरीके से उनके नाम पर गलत केस करने का आरोप लगाया है और कहा कि थानाध्यक्ष द्वारा केस करने की बात नहीं कबूलने पर उसे जेल भेजने की धमकी दी जा रही है। जिसके डर से वह ससुराल छोड़कर मायके में रह रही है।
गया में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने डोभी थानाप्रभारी पर आरोप लगाया है कि उसने पैसों की वसूली के चक्कर में एक पीड़ित एससी महिला के नाम से एससी-एसटी एक्ट में फर्जी केस दर्ज करवाया है। फिलहाल इस मामले में जीतन राम मांझी ने कार्रवाई की मांग की है।
इस मामला के संज्ञान में आने के बाद पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी एसएसपी को फोन करके पैसे की उगाही के लिए फर्जी तरीके से केस करने का आरोपी लगाते हुए डोभी थानाप्रभारी पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं एसएसपी इस मामले को ज्यादा तवज्जों देते हुए नहीं दिख रहें हैं। एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि ललिता देवी की शिकायत पर उनका 164 का बयान कोर्ट मे दर्ज कराया गया है और मामले के छानबीन के लिए डोभी थानाप्रभारी से ही पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है और उनकी नजर में डोभी थानाप्रभारी की गलती कही से उन्हें नहीं दिख रही है।
जिस ललिता देवी के नाम के आवेदन पर 23 अगस्त को केस दर्ज हुा था और 5 सितंबर के ललिता देवी के जिस आवेदन के आधार पर एसएसपी ने जांच की बात कही है उस दोनों आवेदन में ललिता देवा के हस्ताक्षर में दूर-दूर तक मेल नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि किसी न किसी स्तर पर फर्जीवाड़ा जरूर हुआ है। जिसकी सही जांच होनी चाहिए और फर्जीवाड़ी करने वाले पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।