नई दिल्ली: कश्मीर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे को सिरे से खारिज करते हुए विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने मंगलवार को स्पष्ट कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है और पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों का समाधान द्विपक्षीय तरीके से ही किया जाएगा।
कश्मीर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे पर राज्यसभा में अपनी ओर से दिए गए एक बयान में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम सदन को पूरी तरह आश्वस्त करना चाहेंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि हम अपना रुख फिर से दोहराते हैं कि पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों का समाधान द्विपक्षीय तरीके से ही किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत सीमा पार से जारी आतंकवाद बंद होने के बाद, लाहौर घोषणापत्र और शिमला समझौते के अंतर्गत ही होगी। विदेश मंत्री के इस बयान के बाद कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों ने प्रधानमंत्री से इस विषय पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।
हालांकि सभापति एम. वेंकैया नायडू ने शून्यकाल की कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया, लेकिन विपक्षी सदस्य प्रधानमंत्री से स्प्ष्टीकरण की मांग पर अड़े रहे और अपने स्थान से आगे आ गए। सदन में सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा।
सभापति ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और शून्यकाल चलने देने का अनुरोध किया, लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने 11 बजकर 15 मिनट पर ही कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।