नई दिल्ली : भारत को एक ऐसी शक्ति मिलने वाली है जो अगर एक बार प्रयोग की गई तो चीन का नामोनिशान मिट जायेगा। जी हां अमेरिका जल्द ही भारत को अपाचे हेलीकॉप्टर भेज रहा है। इस हेलीकॉप्टर का करार मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान किया गया था।
आपको बता दें कि ये हेलीकॉप्टर बिजली की गति से कहीं भी और किसी भी मौसम में हमला करने में सक्षम हैं। इसके अलावा भारत सरकार 15 चिनूक हेलीकॉप्टर भी खरीदेगी, जो भारी मालवाहन में काम आएंगे। ये अपाचे हेलीकॉप्टर जल्द ही भारतीय सेना को मिल जाएंगे, जो बेहद कम उंचाई पर उडकर हवाई हमले के साथ ही जमीनी हमले करने में भी सक्षम हैं।
अपाचे हेलीकॉप्टर अमेरिकी सेना के सबसे शक्तिशाली हेलीकॉप्टर हैं। जो हेलफायर मिसाइलों से लैस होंगे। इस हेलीकॉप्टर की खरीदी की प्रक्रिया 2008 में ही शुरू हो गई थी, मगर मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद 16 माह में इस प्रक्रिया को पूर्ण इस सौदे पर मुहर लगाई।
ये हेलीकॉप्टर आईएएफ के एमआई-35 हेलीकॉप्टर की जगह लेंगे। सेना ने 39 अपाचे हेलीकॉप्टरों की जरूरत बताई है, जिसकी खरीदी दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण में डॉयरेक्ट कॉमर्सियल सेल (डीसीएस) के तहत बोइंग हेलीकॉप्टरों को तैयार करेगी, जबकि दूसरे चरण में अमेरिकी सरकार के साथ फॉरेन मिलिटरी सेल्स (एफएमएस) के तहत इस पर तैनाती के लिए हथियार खरीदे जाएंगे।
ये हेलीकॉप्टर अमेरिकी सेना के अलावा इस्त्रायली वायुसेना, मिस्त्री वायुसेना और नीदरलैंड की आर्मी इस्तेमाल करती है। इस्त्रायल इसी हेलीकॉप्टर की मदद से गजा पट्टी में अपने दुश्मनों पर कहर ढाती रही है।
इस हेलीकॉप्टर में 30 एमएम गन लगी हुई है, जो किसी भी निशाने की धज्जियां उडा सकता है। अपाचे हेलीकॉप्टर में एजीएम-114 हेलीफायर मिसाइल लगे हैं, तो हाइड्रा 70 रॉकेट पॉड्स भी लगे हैं। इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल तमाम युद्धों में हो चुका है।
अमेरिकी सेना इसे खाडी युद्ध के समय और फॉल्कन वार के समय भी इस्तेमाल कर चुकी है, पर वे इसके पूर्ववर्ती संस्करण थे। अमेरिका ने इन हेलीकॉप्टरों का इराक और अफगानिस्तान में भी सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया है। ये हेलीकॉप्टर 293 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से उड सकता है।
अपाचे की पूरी लंबाई 18 मीटर है, जिसमें दो पंख लगे हैं। अपाचे हेलीकॉप्टर में टर्बोसाफ्ट इंजन लगे हैं। इसका वजन 5,165 किलो है, जिसमें 2 सीटें हैं। अब तक दुनिया में ऎसे 2000 हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल हो रहा है। खास बात यह है कि अब तक यह हेलीकॉप्टर किसी दुश्मन देश के पास नहीं है। अपाचे हेलीकॉप्टर की कीमत मौजूदा समय में 35.5 मिलियन डॉलर है। जो बाकी हेलीकॉप्टरों के मुकाबले महंगा जरूर हैं, पर बेहद तेज तर्रार हैं।
वैसे, अपाचे हेलीकॉप्टर को ब्रिटेन में अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी बनाती है, जिसके हेलीकॉप्टर सौदे को धन की दलाली के आरोपों में निरस्त कर दिया गया था। अपाचे हेलीकॉप्टरों के आने से भारतीय सेना की ताकत कई गुने बढ जाएगी। अपाचे हेलीकॉप्टरों की मदद से भारतीय सेना न सिर्फ पश्चिमी सीमा पर दुश्मनों के परखच्चे उडाने में सफल होगी, बल्कि म्यांमार की सीमा में घुसकर किए कॉम्बैट ऑपरेशन की तरह वह और भी ऑपरेशन करने में सक्षम होगी।