राहुल गांधी अब संसद सदस्य नहीं रहे. कांग्रेस दूसरे विपक्षी दल और बीजेपी अपनी-अपनी राजनीति को सूट करने वाले कारण बता रहे हैं. लेकिन सच क्या है? क्यों गई राहुल गांधी की संसद सदस्यता, इसे समझने के लिए सबसे पहले आप लोकसभा सचिवालय के उस लेटर को देखिए, जिसमें राहुल गांधी की संसद सदस्यता को रद्द करने का नोटिफिकेशन जारी किया गया है. ये भी जान लीजिए कि राहुल गांधी की सदस्यता जाने की वजह है उनकी जुबान से निकले हुए शब्द. राहुल गांधी ने मोदी सरनेम पर टिप्पणी की थी. इसके अलावा 10 साल पहले राहुल ने अध्यादेश की कॉपी को फाड़कर अपनी ही सरकार के दौरान उस वक्त के प्रधानमंत्री की गरिमा को कम किया था. अब बीजेपी राहुल गांधी के खिलाफ हुई कार्रवाई को उनके कर्मों की सजा बता रही है.
लोकसभा सचिवालय के नोटिफिकेशन में कहा गया कि सूरत के चीफ जूडिशल मजिस्ट्रेट की अदालत में राहुल गांधी को मानहानि मामले में 2 साल की सजा सुनाई गई है. ऐसे में केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी की संसद सदस्यता 23 मार्च 2023 से समाप्त की जाती है. नोटिफिकेशन में संविधान के आर्टिकल 102 (1) (e) के सेक्शन 8 के पीपल ऑफ रिप्रजेंटेशन एक्ट, 1951 के तहत ये फैसला किया गया है. इस नोटिफिकेशन की कॉपी राहुल गांधी को भी भेजी गई है, जिसमें राहुल गांधी के लिए सांसद की जगह पूर्व सांसद शब्द का इस्तेमाल किया गया है. नोटिफिकेशन के आखिर में ज्वाइंट सेक्रेटरी पी सी त्रिपाठी का साइन है.
जनप्रतिनिधि के लिए 2013 वाला कानून
किसी भी जनप्रतिनिधि के किसी मामले में दोषी सिद्ध होने और सजा मिलने पर सदस्यता जाने का पूरा प्रासेस क्या होता है? सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को मोदी सरनेम मानहानि मामले में 2 साल की सजा सुनाई और 2013 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक किसी भी जनप्रतिनिधि को दो साल या ज्यादा की सजा मिलने पर उनकी संसद सदस्यता रद्द हो जाएगी और राहुल गांधी के केस में ऐसा हुआ भी.