‘बजट ‘यानी की व्यय का लेखा ,जो की आनेवाले वित्त वर्ष के कार्यक्रम के लिए उपयोग किया जाता है.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई, 2019 को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट संसद में पेश किया। इस बजट में बहुत सी बड़ी योजनाओं का प्रस्ताव पेश किया गया और बहुत सारी बड़ी घोषणाएं भी हुईं। इस बजट से कई लोगों को काफी उम्मीदें थी, किसी की उम्मीद पूरी हुईं तो किसी को निराशा हासिल हुई।
इस आम बजट में मध्यम वर्ग, युवाओं, महिलाओं समेत सभी वर्गों के लिये विभिन्न योजनाओं का प्रस्ताव किया है. बजट में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मीडिया, विमानन, बीमा और एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों को उदार करने का प्रस्ताव तो है ही, बजट में बुनियादी आर्थिक और सामाजिक ढांचे के विस्तार, पेंशन और बिमा की योजनाओं को आम लोगों की पहुंच के दायरे में ले जाने के विभिन्न प्रस्ताव किए गए है.
अपने भाषण में निर्मला सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने अपने पहले कार्यकाल में ‘न्यू इंडिया’ के लिए काम करना शुरू कर दिया था. अब इन कार्यों की रफ्तार बढ़ाई जाएगी.
आइये आपको बताते हैं कि इस बजट में देश की जनता को क्या मिला है-
किसान: मत्स्यन के क्षेत्र में मूल्य श्रृंखला में कमी को पूरा करने के लिये ‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना’ के तहत मत्स्यन के क्षेत्र में मजबूत प्रबंधन व्यवस्था स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया. सहकारिता के जरिये दूध और उसके उत्पादों का उत्पादन, भंडारण और वितरण के कारोबार को प्रोत्साहन. दूध खरीद, प्रसंस्करण और विपणन के लिये बुनियादी ढांचा के सृजन पर जोर दिया जायेगा. 10,000 नये किसान उत्पादक संगठन बनाने का प्रस्ताव, इससे अगले पांच साल में किसानों को पैमाने की मितव्ययिता का लाभ मिलेगा. पायलट आधार पर चल रही ‘जीरो बजट’ खेती को देश के अन्य भागों में लागू करने का प्रस्ताव.
महिला: महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन. महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) ब्याज सहायता कार्यक्रम का विस्तार हर जिले में करने का प्रस्ताव किया . एसएचजी से जुड़ी प्रत्येक सत्यापित उन महिलाओं को 5,000 रुपये की ओवरड्रफ्ट सुविधा देने का प्रस्ताव जिनके पास जनधन खाता है. मुद्रा योजना के तहत प्रत्येक स्वयं सहायता समूह की एक महिला एक लाख रुपये तक के कर्ज लेने के लिये पात्र होंगी
युवा: भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली को दुनिया की बेहतरीन शिक्षा प्रणाली बनाने के लिये’ नई शिक्षा नीति ‘लाने का प्रस्ताव किया गया. शोध के वित्त पोषण, समन्वय तथा उसे बढ़ावा देने के लिये ‘नेशनल रिसर्च फाउंडेशन ‘के गठन का प्रस्ताव किया गया. भारत को वैश्विक उच्च शिक्षा का केंद्र बनाने के लिये विदेशी छात्रों को यहां पढ़ाई के लिये आकर्षित करने को लेकर ‘भारत में अध्ययन’ कार्यक्रम की शुरूआत. शैक्षणिक संस्थानों को अधिक-से-अधिक स्वायत्तता प्रदान करने और शैक्षणिक परिणामों पर ध्यान देने को लेकर भारतीय ‘उच्च शिक्षा आयोग ‘गठित करने का प्रस्ताव किया गया. ‘खेलो इंडिया ‘कार्यक्रम के तहत खेलों को लोकप्रिय बनाने तथा खिलाड़ियों के विकास के लिये राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड के गठन का प्रस्ताव. विदेशों में युवाओं के रोजगार के लिये तैयार करने को लेकर कृत्रिम मेधा, इंटरनेट आफ थिंग्य, बिग डेटा जैसे क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण पर जोर दिया जाएगा. मध्यम वर्ग : 45 लाख रुपये तक के मकान खरीदने पर अतिरिक्त 1.5 लाख रुपये के ब्याज पर कर लाभ. यानी अब 3.50 लाख रुपये के ब्याज पर कर छूट का लाभ मिलेगा. आयकर रिटर्न भरना सुगम हुआ. पैन कार्ड नहीं होने पर
भी आधार के जरिये आयकर रिटर्न भरा जा सकेगा.
छोटे व्यापारी: डेढ़ करोड़ रुपये के कारोबार वाले तीन करोड़ खुदरा व्यापारियों और दुकानदारों को ‘प्रधानमंत्री कर्म योगी मानधन योजना ‘के तहत मिलेगी पेंशन. एमएसएमई के लिये भुगतान मंच के गठन का प्रस्ताव. इससे वे समय पर बिल भर सकेंगे और भुगतान प्राप्त कर सकेंगे. इससे भुगतान में देरी की समस्या समाप्त होगी. ब्याज सहायता योजना के तहत 350 करोड़ रुपये का आबंटन. जीएसटी पंजीकृत सभी एमएसएमई को नये कर्ज पर दो प्रतिशत ब्याज सहायता मिलेगी.