नई दिल्ली : H-4 वीजा उन पति / पत्नी के लिए विदेशों में वर्क परमिट की इजाजत देता है जिनके पार्टनर को किसी कारणवश वहां का स्थायी निवासी का पहचान नहीं मिला हो या फिर इस काम में उन्हें एक दशक या उससे भी अधिक समय लग रहा हो। अमेरिका में बाहर के देशों से आए कई इस तरह के कई काम करते हैं। अब खबर आ रही है कि ट्रंप प्रशासन इस प्रावधान को खत्म करने जा रहा है। यह प्रावधान बराक ओबामा के काल में शुरु किया गया था।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन H-4 वीजा धारकों के वर्क परमिट को रद करने जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसके प्रभाव में आने वाले अधिकतर भारतीय हैं और उनमें भी अधिकतर संख्या महिलाओं की है। इस संबंध में औपचारिक रुप से घोषणा इसी गर्मियों में कर दी जाएगी। यूएस सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेस के निदेशक फ्रांसिस किस्ना ने इस संबंध में सीनेटर चक ग्रैसले को पत्र लिखा है।
अगर ओबामा युग के प्रावधान को खत्म किया जाता है तो इसमें 71,000 H-4 वीजा धारकों का वर्क परमिट रद होने का खतरा है। हालिया अध्ययन के अनुसार, H-4 वीजा धारकों में 94 फीसद संख्या महिलाओं की है इनमें अधिकतर भारतीय हैं जबकि इनमें 4 फीसद चीनी हैं।
जानिए, क्या है H-4 वीजा और H-1 वीजा
H-4 वीजा पिछले ओबामा प्रशासन द्वारा विशेष आदेश के तहत H-1B वीजा धारकों के पति / पत्नी को जारी किया गया एक वर्क परमिट है। जबकि H-1B एक गैर अप्रवासी वीजा है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 101 (15) के तहत दिया जाता है। यह वीजा अमेरिकी कम्पनियों को विभिन्न व्यवसायों में विदेशी कामगारों को अस्थायी रूप से रोजगार देने की अनुमति देता है। मौजूदा अमेरिकी कानून के मुताबिक एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 65,000 विदेशी नागरिकों को H-1B वीजा दिया जा सकता है।
100,000 से अधिक H-4 वीजा धारक अब तक इस नियम के लाभार्थी रहे हैं। टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसे भारतीय आईटी दिग्गज इस कार्यक्रम के प्रमुख लाभार्थियों में से हैं क्योंकि वे हर साल विशेष कौशल वाले हजारों कर्मचारी इस नियम के तहत लाभ पाते हैं।
H-4 कार्य प्राधिकरण नियम के बिना, H 1-B वीजा वाले उच्च कुशल कर्मचारी (पति या पत्नी) कानूनी रूप से काम करने में असमर्थ होंगे। प्रभावशाली सांसदों और फेसबुक सहित अमेरिकी आईटी उद्योग के प्रतिनिधि ने H-4 वीजा धारकों के लिए वर्क परमिट वापस लेने के लिए ट्रम्प प्रशासन की प्रस्तावित योजना का विरोध किया है, जो एच 1-बी वीज़ा धारकों के पति हैं।
H-1-बी वीज़ा पर कठिन स्टैंड, और अब H-4
होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी कर्स्टनजेन नील्सन को लिखे एक पत्र में, सांसदों ने तर्क दिया कि ओबामा-युग के दौरान बने H-4 नियम ने हजारों H-1 बी प्राप्तकर्ताओं और उनके परिवारों पर बोझ कम कर दिया है।