नई दिल्ली : कुलभूषण जाधव मसले पर पाकिस्तान अपने झूठ को ज्यादा दिन तक अब सच नहीं बता सकता। भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के बलूचिस्तान से गिरफ्तारी के पाकिस्तान के दावे को बलूच नेता ने सिरे से खारिज कर दिया है। बलूच नेता हायर बायर मारी ने कहा, ‘कुलभूषण जाधव को कभी भी बलूचिस्तान से गिरफ्तार नहीं किया गया है, वास्तव में उन्हें पाकिस्तानी राज्य प्रायोजित धार्मिक प्रॉक्सी द्वारा ईरान से अपहरण करने के बाद पाकिस्तानी सेना को सौंप दिया गया।’ भारत पहले ही पाकिस्तान ने इस दावे को झूठा बताते आया है।
हायर बायर मारी ने अपने बयान में कहा, ‘जाधव के ईरान से अपहरण करने के बाद पाकिस्तानी सेना के जवानों को सौंपा गया। अतीत में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जहां धार्मिक चरमपंथियों ने अफगानिस्तान में बलूच शरणार्थियों का अपहरण किया और फिर उन्हें आईएसआई और पाकिस्तानी सेना को बेच दिया।’ अपने बयान में आगे उन्होंने कहा कि 70 के दशक के अंत में और पाकिस्तान के समर्थित तालिबान के 80 के दशक में मासूम ‘मारी बलोच’ शरणार्थियों को मार डाला गया, उनके सिर को धड़ से अलग कर दिया गया और फिर आईएसआई और पाकिस्तान सेना से इस काम के पैसे लेने के लिए उनकी तस्वीरें खींची गईं।
पाकिस्तान को बताया एक जहरीला सांप
पाकिस्तान के धोखे के खिलाफ चेतावनी देते हुए बलूच नेता ने कहा कि पाकिस्तान पर भरोसा करने वाला कोई देश नहीं है क्योंकि हम बलूचों का यह अनुभव रहा है और जिससे हमने सीख ली है कि पाकिस्तान वो जहरीला सांप है जो उसी हाथ को काटता है जिसे वो खिलाता है।
ऐसी हरकतों से पाकिस्तान का अमानवीय चेहरा उजागर
25 दिसंबर को इस्लामाबाद में जाधव की मां और पत्नी के साथ सुरक्षा के नाम पर जिस तरह का व्यवहार किया गया उसका जिक्र करते हुए बलूच नेता हायर बायर ने कहा कि इससे पाकिस्तान के अमानवीय व्यवहार और लगातार बलूच महिलाओं पर हो रहे अपमान की दिशा में भारत और दुनिया की आंखें खुलनी चाहिए।
बलूच नेता ने कहा, ‘अगर पाकिस्तान एक बुजुर्ग महिला का अपमान कर सकता है, जो भारत से यात्रा कर पाकिस्तान अपने बेटे से मिलने गई, तो इसकी कल्पना आसानी से की जा सकती है कि कैसे बलूच कैदी, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। उनके साथ पाकिस्तानी सेना कैसा वर्ताव करती होगी।’
पाकिस्तान में गुप्त यातना कक्षों के अस्तित्व को रेखांकित करते हुए बलूच नेता ने कहा, ‘यहां तक कि पाकिस्तानी सीनेटर फरहतुल्ला बाबर ने हाल ही में कहा था कि पाकिस्तान में गुप्त यातना सेल थे। पाकिस्तानी मीडिया ने उनके बयान का हवाला देते हुए कहा कि संसद और सुप्रीम कोर्ट समेत कोई नहीं जानता है कि पाकिस्तान में कितने ऐसे यातना कक्ष मौजूद हैं। न ही ये किसी को पता है कि उन गुप्त यातना कक्ष में मौजूद लोगों की संख्या कितनी है? जिन लोगों की पूछताछ के दौरान मृत्यु हुई, उनका भी आंकड़ा साफ नहीं है।’