घातक कोरोना वायरस (Corona Virus) से मरने वालों की संख्या पूरी दुनिया में 15 हजार 400 से ज्यादा हो गई है। चीन में स्थिति काफी हद तक संभल गई, लेकिन इटली में सबसे बुरी स्थिति है। भारत में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 400 से ज्यादा हो गई है। ICMR के अनुसार इस वायरस के फैलने के 4 चरण हैं। बीमारी का चौथा चरण तब होता है जब संक्रमण स्थानीय स्तर पर महामारी का रूप ले लेता है।
पहले चरण में वे लोग शामिल होते हैं, जो दूसरे देशों से लौटे हैं। दूसरे चरण में वे लोग होते हैं जो बाहर से आने वाले विदेशियों के संपर्क में आकर संक्रमित हुए हैं। इस वायरस का तीसरा चरण ज्यादा घातक है, क्योंकि इसमें यह वायरस सामुदायिक स्तर (कम्युनिटी) पर फैलता है।
क्यों खतरनाक है तीसरा चरण : दरअसल, भारत में जिस तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उससे भारत सरकार का चिंतित होना भी स्वाभाविक है। कोरोना के तीसरे चरण को ज्यादा खतरनाक माना जाता है। इसमें वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन होता है।
जब कोई व्यक्ति ज्ञात संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना और या संक्रमित देश या इलाके की यात्रा किए बिना ही इसका शिकार हो जाता है। यह इस तीसरी और खतरनाक स्टेज कहलाती है। हालांकि अभी भारत में इस महामारी की तीसरी स्टेज नहीं आई है, लेकिन पूरे देश में इसको लेकर डर जरूर है।
इसी के मद्देनजर देश में आधे से ज्यादा हिस्से में लॉकडाउन हो चुका है और पंजाब में तो सरकार ने कर्फ्यू भी लगा दिया है। बताया जा रहा है कि यदि भारत में तीसरी स्टेज आती है तो इसे संभालना सरकार के लिए भी मुश्किल हो जाएगा।
माना जा रहा है कि तीसरे चरण में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या इतनी बढ़ जाएगी कि भारत के पास जितने लैब हैं उनमें टेस्ट पूरे नहीं किए जा सकते। जानकारी के मुताबिक देश में 70 से ज़्यादा टेस्टिंग यूनिट हैं, जो ICMR के तहत काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए लोगों से घरों में रहने का आग्रह किया है। देशभर में लॉकडाउन इसी दिशा में एक कदम है, ताकि कोरोना से देशवासियों को बचाया जा सके। अत: लोगों से भी आग्रह है कि वे घरों के भीतर ही रहें। अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें।