बिहार में पशु चिकित्सालयों में दवाओं की घोर बहुत कमी है। प्रखण्ड स्तर से लेकर जिला स्तर के पशु चिकित्सालय दवा विहिन हैं, इस बावत जब विभाग से पूछ ताछ की गई तो पता चला कि विगत वित्तिय वर्ष में सरकार द्वारा कोई दवाई उपलब्ध नहीं कराई गई है। विभागिय सूत्रो की माने तो पूरे वित्तिय वर्ष 2012-2013 में पशु जीवन रक्षक दवाओं की खरीद ही नहीं की गई जबकि पशु एवं मत्स्य मंत्री गिरीराज सिंह द्वारा बजट में दवा खरीद के लिए गैर योजना मद में लगभग पाँच करोड़ रूपये का प्रवधान रखा था।
लेकिन विभागिय लापरवही के कारण अक्टूबर 2012 में निविदा निकाली गई निविदा निष्पादन भी हुआ पर क्रय निर्णय समिती के ताल मेल के आभाव में वित्तिय निविदा नहीं खोली जा सकी जिसके कारण सूबे के 823 प्रखण्ड स्तरीय पशु अस्पतालों में दवा की बहुत कमी हो गई है।
हालांकि विभाग ने जिला स्तर पर भी दवा की खरीद का निर्देश दिया था लेकिन बिलम्ब के कारण लगभग सभी जिला पशुपालन पदाधिकारियों ने खरीद से अपने आप को दूर ही रखना मुनासिब समझा। नतिजन यहाँ एन्टीबॉयोटिक,एन्टीपायरेटिक,एन्टीहेल्मिनथिस,एन्टीएलर्जी,एन्टीहिस्टामिन ,एनालजेसिक ,लीवर टॉनिक आदी दवाओं का बहुत अभाव है।