लाहौर हाई कोर्ट ने रावलपिंडी आत्मघाती हमले के चार दोषियों की फांसी की सजा को माफ कर दिया है। लगभग 13 वर्ष पहले हुए इस हमले में 19 लोगों की मौत हो गई थी और 35 अन्य घायल हो गए थे।
गौरतलब है कि रावलपिंडी स्थित आतंकवादरोधी कोर्ट (एटीसी) ने वर्ष 2004 में फजल मुहम्मद, ताहिर महमूद, हाफिज नासिर और हबीबुल्ला को फांसी की सजा दी थी। अभियुक्तों ने इस फैसले को चुनौती दी थी। लाहौर हाई कोर्ट ने सुबूतों के अभाव में सोमवार को चारों को राहत दे दी।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष दलील दी की अभियोजन पक्ष की ओर से ऐसा कोई पुख्ता सुबूत पेश नहीं किया गया, जिससे उनके मुवक्किल के आत्मघाती हमले में संलिप्त होने की बात साबित हो सके।
गौरतलब है कि पेशावर हमले के बाद नवाज शरीफ सरकार द्वारा फांसी पर लगी रोक हटा दी गई थी। उसके बाद से अब तक सात को फांसी पर लटकाया जा चुका है। इससे पहले रविवार को आठ दोषियों के खिलाफ फांसी का वारंट जारी किया गया।