नई दिल्ली : चारा घोटाले में सजा के बाद जेल में बंद लालू यादव की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। रांची की विशेष सीबीआई अदालत चारा घोटाले के चाईबासा गबन मामले में भी लालू को दोषी करार दे दिया है।
राजद प्रमुख लालू यादव को चारा घोटाले के तीसरे मामले में सीबीआइ की रांची स्थित विशेष अदालत ने बुधवार को दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा और दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस मामले में लालू यादव, जगन्नाथ मिश्रा, विघासागर निषाद ,जगदीश शर्मा, आरके राणा, सिलास तिर्की सहित 50 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है, जब कि छह आरोपियों को इस मामले में बरी भी किया गया है।
गौरतलब है कि यह मामला चाईबासा कोषागार से 1992-93 में 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से संबंधित है।सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसएस प्रसाद की अदालत ने दस जनवरी 2018 को सुनवाई पूरी करते हुए फैसले के लिए तिथि निर्धारित की थी। चाईबासा कोषागार से 33 करोड़, 67 लाख 534 रुपये की अवैध निकासी को लेकर चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 68ए/96 के तहत प्राथमिकी दर्ज है। निकासी 1992 से 93 के बीच हुई थी। राजनीतिक नेता, पशुपालन अधिकारी व आइएएस अधिकारियों की मिलीभगत से 67 जाली आवंटन पत्र पर 33 करोड़ 67 लाख 534 रुपये की निकासी कर ली। जबकि मूल आवंटन 7.10 लाख रुपये ही था। वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने सीबीआइ की ओर पक्ष रखा। उन्होंने सीबीआइ की ओर से 203 लोगों की गवाही न्यायालय में दर्ज कराई। मामले की सुनवाई में बचाव की ओर से 23 गवाहों को प्रस्तुत किया गया। इसमें लालू प्रसाद की ओर से 17 लोगों की गवाही दर्ज कराई गई। इसके अलावा दस्तावेजों को प्रस्तुत किया गया।
घोटाले में 76 आरोपियों के खिलाफ हुई थी चार्जशीट
चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में 12 दिसंबर 2001 को 76 आरोपियों केखिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गयी थी । ट्रायल के दौरान 14 आरोपियों का निधन हो चुका है, जिसमे शामिल थे चंद्रदेव प्रसाद वर्मा, भोला राम तुफानी, डॉ. रामराज राम, के अरूमुघम, डॉ. एसबी शर्मा, ब्रजभूषण प्रसाद, डॉ. पांडेय सीपी शर्मा, डॉ. दुबराज दोरई, डॉ. जीपी त्रिपाठी, चंद्रशेखर दुबे, डॉ. रंजीत कुमार मिश्रा, एसएन सिन्हा, शकुंतला सिन्हा व राजो सिंह।
वहीं जबकि तीन आरोपियों दीपेश चांडक, आरके दास और शैलेश प्रसाद सिंह को सरकारी गवाह बना दिया गया है। दो आरोपियों ने दोष स्वीकार कर लिया। दोष स्वीकार करने वाले अभियुक्त सुशील कुमार झा व प्रमोद कुमार जासवाल को अदालत से पूर्व में सजा सुनाई जा चुकी है। वहीं एक आरोपी फूल सिंह अब तक फरार हैं। इस मामले में कुल 56 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे हैं। इसमें लालू प्रसाद, डॉ. जगन्नाथ मिश्रा सहित छह राजनीतिक नेता, तीन आइएएस अधिकारी, छह पशुपालन पदाधिकारी, कोषागार पदाधिकारी सिलास तिर्की और 40 आपूर्तिकर्ता शामिल हैं।
देवघर कोषागार से फर्जीवाड़ा करके अवैध ढंग से धन निकालने के इस मामले में लालू प्रसाद यादव एवं अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक षड्यन्त्र, गबन, फर्जीवाड़ा, साक्ष्य छिपाने, पद के दुरुपयोग आदि से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 409, 418, 420, 467, 468, 471, 477ए, 201, 511 के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत मामला दर्ज किया था।