भूमि अधिग्रहण अध्यादेश दोबारा जारी, राष्ट्रपति की मंजूरी

नई दिल्ली:  सरकार ने शुक्रवार को भूमि अधिग्रहण अध्यादेश दोबारा जारी कर दिया। पुराना अध्यादेश पांच अप्रैल को समाप्त होने वाला है। उसके स्थान पर लाया गया बिल सरकार राज्यसभा में बहुमत के अभाव में पारित नहीं करा पाई। इसलिए नया अध्यादेश जारी करना पड़ा है।

सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अध्यादेश पर दस्तखत कर दिए हैं। केंद्रीय कैबिनेट ने 31 मार्च को अध्यादेश जारी करने की सिफारिश की थी। मोदी सरकार का यह 11वां अध्यादेश है। इस अध्यादेश में उन सभी नौ संशोधनों को शामिल किया गया है, जो लोकसभा से पारित बिल में है। उक्त बिल राज्यसभा में लंबित है, जहां सत्तारूढ़ राजग को बहुमत नहीं है।

वहीँ दूसरी ओर विपक्ष मोदी सरकार द्वारा लाए गए बिल के सख्त खिलाफ है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में लगभग सभी विपक्षी दलों के सांसदों ने राष्ट्रपति भवन तक मार्च कर राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने की मांग की थी। विपक्ष का अ़ि़डयल रख देखते हुए सरकार ने फिर से अध्यादेश जारी करने का रास्ता निकालने के लिए राज्यसभा के बजट सत्र का सत्रावसान कर दिया।

दरअसल,संविधान के मुताबिक अध्यादेश लाने के लिए संसद का कम से कम एक सदन का सत्रावसान में होना जरूरी है। नियमानुसार कोई भी अध्यादेश 6 महीने के लिए और संसद की कार्यवाही जारी रहने की स्थिति में [संबंधित बिल पारित नहीं हो पाने की स्थिति में] संसद सत्र शुरू होने से अगले छह सप्ताह तक प्रभावी रहता है। इसी वजह से अध्यादेश पांच अप्रैल को समाप्त हो रहा था।