डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल के वायनाड में लगातार भारी बारिश हो रही है। इसके चलते मंगलवार तड़के चार अलग-अलग जगहों पर लैंडस्लाइड हुई, जिसमें चार गांव – मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा बह गए। घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां भी बह गईं। अब तक 84 लोगों की जान जा चुकी है और 100 से ज्यादा लोग लापता हैं। 250 से ज्यादा लोगों को बचाया जा चुका है।
NDRF और एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू कर रही हैं। वहीं कन्नूर से सेना के 225 जवानों को वायनाड के लिए रवाना किया गया है, जिनमें मेडिकल टीम भी शामिल है। एयरफोर्स के दो हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं। पांच साल पहले यानी 2019 में भी इन्हीं गांवों- मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में लैंडस्लाइड की घटना हुई थी, जिसमें 52 घर तबाह हुए थे। 17 लोगों की मौत हुई और पांच आज तक लापता हैं।
IMD का अलर्ट, रेस्क्यू में आ सकती है दिक्कत
मौसम विभाग (IMD) ने आज भी वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम और कसारागोड़ में बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। मतलब यहां आज भी तेज बारिश होने का अनुमान है। अगर तेज बारिश होती रही तो रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ सकती है।
लैंडस्लाइड और इसके आने का कारण क्या है?
लैंडस्लाइड एक प्राकृतिक आपदा या फिर ये कहिए – भूवैज्ञानिक घटना है, जो धरातली हलचल के कारण होती है। पहाड़ी क्षेत्रों से ढलानों, चट्टानों की मिट्टी, चट्टान और कीचड़ -मलबा का अचानक तेज बहाव आता है या नीचे गिरते व खिसकते हैं तो इसे लैंडस्लाइड कहा जाता है। ये घटनाएं आमतौर पर भारी बारिश, बाढ़, भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या फिर मानवीय गतिविधियों के कारण होती है। देश में हर साल लैंडस्लाइड की 20-30 बड़ी घटनाएं दर्ज की जाती हैं।