क्रिकेट के भगवान् सचिन के साथ आखिरी यादगार पल

sachin-tendulkar91 1111111026241 11141309090224 साल क्रिकेट खलने वाले सचिन के आखिरी और 200 वें टेस्ट मैच का आरंभ उसी उत्साह -उमंग और अधीरता से हुआ जिसके बारे में सिर्फ कल्पना की जा

रही थी। स्टेडियम सचिन-सचिन के नारों से गूंज रहा था और हर तरफ एक तरंग दिख रही थी।

 

बहुत कम ही उम्मीद थी कि सचिन को पहले दिन ही बल्लेबाजी के लिए उतरना पड़ेंगा, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने कैरेबियन पारी को दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन चाय से पहले ही 182 रन पर समेट दिया। जवाब में भारत ने अच्छी शुरूआत के बाद दो विकेट जल्दी-जल्दी गंवा दिए जिससे सचिन को पहले ही दिन बल्लेबाजी के लिए उतरने का मौका मिल गया।

मुरली विजय के आउट होने के बाद जैसे ही सचिन ने मैदान का रूख किया, दर्शक दीर्घाओं से एक बार फिर ’सचिन….सचिन’ का शोर गूंजने लगा। स्टेडियम में लगे विशाल स्क्रीन पर संदेश चमका, अपनी पलक भी मत झपकाइए। सचिन ने सीमा रेखा की ओर झुककर सजदा किया और फिर आसमान की ओर देखा।

कैरेबियन टीम ने कतारबद्ध होकर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। मास्टर ब्लास्टर ने 22 गज की उस पिच का स्पर्श किया, जिस पर उन्होंने अपनी शख्सियत गढ़ी है। दर्शक एक ऐसे दुर्लभ क्षण का गवाह बन रहे थे जो इसके पहले किसी किक्रेटर के जीवन में नहीं आया।

सचिन के आते ही स्टेडियम में मौजूद तमाम दर्शकों के साथ देश-दनिया में उनका आखिरी मैच देख रहे करोड़ों लोगों की सांसे थम सी गई। इन धड़कते दिलों को सचिन ने अपने खेल कौशल से शांत किया। उन्होंने 77 रन पर दो विकेट गंवा चुकी भारतीय टीम को खेल के अंत तक सुरक्षित किया।

इसी के साथ सचिन 200 वां टेस्ट खेलने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए। इससे पहले न ही ऐसा किसी ने किया है और शायद भविष्य में भी कोई ऐसा न कर पाए। यह भारतीय खिलाड़ी दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेटर है और इसके आगे सबकुछ गौण हो जाता है, इसलिए BCCI  ने परंपरा को तोड़ते हुए इस विशेष टेस्ट के लिए टीम जर्सी में सचिन तेंदुलकर के नाम को शामिल किया।

जिस समय सचिन वानखेड़े में अपने आखिरी मैच में बल्लेबाजी करने उतर रहे थे ठीक उसी समय BCCI  ने 2013-14 के लिए अनुबंधित खिलाडि़यों की सुची जारी की, जिसमें सचिन को सबसे ऊपर रखा गया। सचिन इस मैच के बाद कभी अंतराष्ट्रीय मैच नहीं खेलेंगे। इसके बाद भी उन्हें ए ग्रेड में शामिल करना दिखता है कि तेंदुलकर कितने महान है।