पटना : बिहार के आईआईटी गुरु माने जाने वाले सुपर 30 के संस्थापक मुश्किलों में फंसते दिख रहे हैं। गौहाटी हाई कोर्ट ने आईआईटी गुवाहाटी के चार विद्यार्थियों की जनहित याचिका पर जवाब देने के लिए ‘सुपर 30’ के संस्थापक आनंद कुमार को शुक्रवार को नोटिस जारी किया। हाई कोर्ट ने बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद को भी नोटिस जारी किया जो 2002 में कुमार के साथ मिलकर ‘सुपर 30’ की स्थापना की थी।
एक्टिंग चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी और जज अजीत बोरठाकुर की खंडपीठ ने आनंद कुमार को नोटिस जारी किया और उन्हें याचिका में लगाए गए आरोपों पर जवाब देने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ताओं के वकील अशोक सर्राफ ने कोर्ट से कहा, कि आनंद कुमार द्वारा गलत तस्वीर पेश करने से हर साल पूर्वोत्तर और देश के अन्य हिस्सों में बड़ी संख्या में विद्यार्थी इस पूर्ण विश्वास और उम्मीद से उनसे संपर्क करते हैं कि आईआईटी बाबा दिखने वाले आनंद कुमार आईआईटी की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कराने में उनकी मदद करेंगे।
वकील ने कहा, कि लेकिन वहां पहुंचने के बाद आनंद कुमार ने उनसे रामानुज स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स नामक अपने कोचिंग संस्थान में दाखिल लेने को कहा और कोचिंग देने के नाम पर उनसे 33000 रुपये प्रति विद्यार्थी वसूले। याचिकाकर्ताओं के दूसरे वकील अमित गोयल ने कहा कि जनहित याचिका में कहा गया है, कि ज्यादातर समय आनंद कुमार देश में विभिन्न स्थानों और विदेश में यात्रा करते हैं। वह उन आईआईटी प्रवेश परीक्षार्थियों पर पर्याप्त समय नहीं देते हैं जो रामानुजम स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स में दाखिला लेते हैं।
वकील ने कहा, कि आईआईटी गुवाहाटी के इन चार विद्यार्थियों द्वारा पूछताछ करने पर खुलासा हुआ कि 2008 के बाद आनंद कुमार ‘सुपर 30’ कक्षाएं नहीं ले रहे हैं। जब भी आईआईटी प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित होता है, तो आनंद कुमार रामानुजम स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स के कुछ विद्यार्थियों और कुछ अन्य विद्यार्थियों के साथ मीडिया के सामने पेश होते हैं। वे दावा करते हैं कि वे सुपर 30 के छात्र हैं और उन्होंने आईआईटी प्रवेश परीक्षा पास की है। वहीं वकील अशोक सर्राफ ने कहा कि आनंद कुमार के दुष्प्रचार से न केवल आईआईटी प्रत्याशी बल्कि उनके अभिभावक भी ठगे जाते हैं।