नई दिल्ली : इन दिनों दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही वर्चुअल करंसी बिटकॉइन अब औंधे मुंह गिरने लगी है। आपको बता दें कि हाल ही में मेगास्टार अमिताभ बच्चन भी बिटकॉइन में पैसा लगाकर 640 करोड़ रुपए गंवा चुके हैं। RBI पहले ही बिटकॉइन को स्कैम बता चुका है। इस बीच केंद्र सरकार की तरफ से पहली बार बड़ा बयान आया है।
भारत सरकार ने बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करंसी में निवेश करने वाले भारतीयों को आगाह करते हुए कहा कि यह पोंजी स्कीम की तरह है। सरकार ने कहा कि बिटकॉइन की कोई कानूनी मान्यता नहीं है और न ही इस मुद्रा की कोई सुरक्षा है। सरकार ने कहा कि बिटकॉइन में निवेश भारी जोखिम का विषय है और सरकार या आरबीआई ने इसे मंजूरी नहीं दी है।
वित्त मंत्रालय से जारी बयान में कहा गया है कि इस तरह की करंसी में निवेश पर पोंजी योजनाओं में निवेश जितना ही रिस्क है। इससे निवेशकों विशेषकर खुदरा ग्राहकों को अचानक भारी नुकसान हो सकता है और उनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई को झटका लग सकता है। ग्राहकों को चौकन्ना और अत्यधिक सावधान रहने की जरूरत है ताकि वह इस तरह की पोंजी योजनाओं के जाल में फंसने से बच सके।’
वर्चुअल करंसी को डिजिटल स्वरूप में ही स्टोर किया जाता है। इसमें हैकिंग, पासवर्ड खो जाने और वायरस के हमले का डर होता है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरंसी की कीमत पूरी तरह अटकलों पर आधारित परिणाम है और इसलिए इसकी कीमतों में इतना उतार-चढ़ाव है। उल्लेखनीय है कि बिटकॉइन समेत हाल के दिनों में वर्चुअल करंसी (क्रिप्टोकरेंसी) के मूल्य में तेजी से वृद्धि हुई है।
आपको बता दें कि क्रिप्टोकरंसी एक डिजिटल मुद्रा होती है। वास्तविक तौर पर क्रिप्टोकरंसी का कोई वजूद नहीं होता यह बस डिजिटल लेन-देन के लिए उपयुक्त होती है। मंत्रालय का कहना है कि इस तरह की मुद्रा का कोई वास्तविक मूल्य नहीं है और न ही इसके पीछे कोई संपत्ति का आधार होता है।
इससे पहले दिन में वित्त राज्यमंत्री पी. राधाकृष्णन ने लोकसभा में कहा कि आर्थिक मामलों के विभाग ने एक अंतर-विभागीय समिति का गठन किया था जिसने दुनियाभर में बिटकॉइन या क्रिप्टोकरंसी के मौजूदा नियमन और कानूनी ढांचे का अध्ययन कर इसके नियमन के लिए एक ढांचा खड़ा किए जाने का सुझाव दिया है।