नई दिल्ली : देश में नोटबंदी के बाद अब स्मार्टफोन ही नहीं देश के ग्रामीण इलाकों में फीचर फोन इस्तेमाल करने वाले लोग भी आसानी से अपने मोबाइल से भुगतान कर सकेंगे।
बता दें कि सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल अगले महीने फीचर फोन रखने वाले अपने ग्राहकों के लिए ऐसी ही एक स्कीम लेकर आ रही है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के साथ शुरू की जा रही इस सेवा का नाम “मोदी कैश” रखे जाने की संभावना है।
नोटबंदी के बाद सरकार लगातार नकदी के कम इस्तेमाल को प्रोत्साहन देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक भुगतान को लोकप्रिय बनाने में जुटी है। सरकार का मानना है कि इससे न केवल देश में लेस कैश सोसायटी के निर्माण में मदद मिलेगी बल्कि नकदी के रखरखाव पर आने वाली लागत को भी काफी कम किया जा सकेगा। इसके लिए न केवल मोबाइल कंपनियों को बेहतर सेवाओं के लिए तैयार किया जा रहा है बल्कि क्रेडिट/डेबिट कार्ड के इस्तेमाल पर कई रियायतों की घोषणा भी की गई है।
लेकिन इस व्यवस्था को पूरे देश में लागू कराने में सबसे बड़ी दिक्कत यह आ रही है कि ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्रों में रहने वाली ज्यादातर आबादी अब भी पुराने फीचर फोन का इस्तेमाल करती है। जबकि मोबाइल बैंकिंग से लेकर ई-वालेट जैसी तमाम सुविधाएं केवल स्मार्ट फोन पर ही उपलब्ध हैं। ऐसे में उन लोगों तक इन सेवाओं का लाभ पहुंचाने में दिक्कत महसूस की गई।
मोबाइल बैंकिंग की तर्ज पर करेगी काम
सूत्र बताते हैं कि इस समस्या का हल निकालने के लिए ही बीएसएनएल और एसबीआइ की इस योजना का खाका तैयार किया गया है। यह काफी हद तक मोबाइल बैंकिंग की तर्ज पर काम करेगी, लेकिन बताया जाता है कि इसे फीचर फोन से एसएमएस के जरिये संचालित किया जा सकेगा।
इसमें नकद राशि प्राप्त करने और भुगतान करने दोनों की सुविधा होगी। इसमें ग्राहक एसबीआइ के अपने खाते से किसी को भी केवल एक एसएमएस के जरिये भुगतान कर सकेगा और खाते में राशि भी प्राप्त कर सकेगा। बीएसएनएल अगले महीने इस योजना को लांच करेगा। शुरुआत में यह योजना चार राज्यों में शुरू की जा रही है। अगले तीन-चार महीने में इसे पूरे भारत में उपलब्ध करा दिया जाएगा।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद की अहम भूमिका
सूत्र बताते हैं कि रविशंकर प्रसाद का इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की इस सेवा के लिए टेक्नोलॉजी उपलब्ध कराने में अहम भूमिका रही है। वैसे भी सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय देश में लेस कैश सौदों की संख्या बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद खुद सब गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। गौरतलब है कि शनिवार को ही मोबाइल कंपनियों के साथ हुई एक बैठक में उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से शुरू किए गए इस अभियान का हिस्सा बनने को कहा गया था।