शी जिनपिंग की जीरो कोविड पॉलिसी को चुनौती देने वाले ली कियांग बनेंगे चीन के प्रधानमंत्री

पिछले साल जब चीन में जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गया था, तब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मुश्किल बढ़ गई थी. सड़कों पर उतरे लोग राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. तब एक शख्स ने पूरी बागडोर संभाली थी. कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे जिसकी बदौलत हालात बेहतर हुए. इसके पहले भी कई बार अपनी कार्यशैली के बल पर यह शख्स शी जिनपिंग का भरोसा जीत चुका था. अब इसके लिए इस शख्स को इनाम मिलने जा रहा है.

दरअसल, शंघाई की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख ली कियांग चीन के दूसरे सबसे शक्तिशाली नेता बनने वाले हैं. वे चीन के अगले प्रधानमंत्री बनने के लिए भी तैयार हैं. गौरतलब है कि पिछले साल जब ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में मंच पर ली कियांग ने शी जिनपिंग के साथ कदम रखा तो यह साफ हो गया कि इन्हें पोलित ब्यूरो स्थायी समिति में दूसरी रैंकिंग दी गई है.

रॉयटर की एक रिपोर्ट के अनुसार, जीरो कोविड पॉलिसी ख़त्म करने को लेकर जब चीन के शीर्ष अधिकारी और चिकित्सा विशेषज्ञ राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ रणनीति बना रहे थे तब ली कियांग ने बेहद महत्वपूर्ण किरदार निभाया था. इससे पहले शी ने नवंबर में हुए विरोध प्रदर्शनों को संभालने की जिम्मेदारी ली को दी थी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि लॉकडाउन को खत्म किया जाए.

COVID नियंत्रण को लेकर की थी महत्वपूर्ण बैठक

वांग ने शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान बार-बार पूछा कि सबसे खराब स्थिति में COVID नियंत्रणों को हटाने से कितनी मौतें होंगी. इस बीच, कुछ स्थानीय स्तर के पार्टी कार्यकर्ता और स्वास्थ्य सेवा अधिकारी जीरो कोविड पॉलिसी को लागू करने में बढ़ती चुनौतियों से जूझ रहे थे. 63 वर्षीय ली कियांग पहले शंघाई के प्रभारी थे. तब उन्होंने कोरोना काल के दौरान शहर के 25 मिलियन लोगों की दो महीने की लॉकडाउन में देखरेख की थी.

दो दशक पुराना है शी से रिश्ता

बता दें कि शी जिनपिंग के साथ ली कियांग के संबंध लगभग दो दशक पुराने हैं. जब शी झेजियांग प्रांत के पार्टी के बॉस थे तो ली उनके चीफ ऑफ स्टाफ थे. 2004 से 2007 तक ली उनके शीर्ष निजी सहयोगी थे. शी जिनपिंग ने राष्ट्रपति बनने के बाद ली को पहले झेजियांग के गवर्नर और फिर जिआंगसु प्रांत के पार्टी सचिव के रूप में पदोन्नत किया.