नई दिल्ली : भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSI) ने खाद्य उत्पादों में मिलावट करने वालों को आजीवन कारावास की सजा देने की सिफारिश की है। इसके साथ ही उन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाए जाने का भी प्रस्ताव है।
FSSI ने इसके लिए 2006 के खाद्य सुरक्षा एवं मानक कानून में संशोधन करने को कहा है। प्राधिकरण ने यह कड़ा कदम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उठाया है। FSSI ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक कानून में संशोधन का एक प्रारूप जारी किया है। इसके अनुसार इस कानून में 100 संशोधन किए जाने का प्रस्ताव है। इस प्रारूप पर आम जनता से 2 जुलाई तक राय मांगी गई है।
बता दें कि यह कानून 2006 में पारित किया गया था, लेकिन इसकी अधिसूचना 2011 में जारी की गई थी। प्रस्तावित संशोधन के पीछे की वजह बताते हुए FSSI ने कहा कि खाद्य पदार्थों को इनसानी उपभोग के लिए असुरक्षित बनाने वाली मिलावट को रोकने के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार भी ऐसा करना जरूरी है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक कानून के अन्य संशोधनों के तहत राज्य खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण गठित करने का भी प्रस्ताव है ताकि इस कानून को संपूर्णता में लागू किया जा सके। मालूम हो कि संसद में लंबित उपभोक्ता संरक्षण बिल में भी मिलावटखोरों को कड़ी सजा का प्रस्ताव रखा गया है।
FSSI द्वारा प्रस्तावित संशोधनों के तहत खाद्य सुरक्षा अधिकारी को काम करने से रोकने, उसे धमकाने या उस पर हमला करने वालों के लिए भी सजा बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। ऐसे मामलों में कम से कम छह माह और अधिकतम दो साल की सजा और पांच लाख रुपये तक की पेनाल्टी का प्रावधान किया गया है। अभी अधिकतम तीन माह की सजा और एक लाख रुपये की पेनाल्टी का प्रावधान है।