फिल्म ‘एक विलेन’ एक रोमांटिक थ्रिलर है, जिसमें किसी को प्यार और बदले का जुनून है तो किसी को ऐसी औरतों को बेरहमी से मारने का जुनून है, जो उससे ऊंची आवाज में बात करती हैं, यानी साइको किलर। फिल्म में यह भी बताने की कोशिश है कि प्यार विलेन को हीरो बना देता है। फिल्म में रोमांस है… इमोशन है.. टि्वस्ट एंड टर्न्स भी हैं।
फिल्म में श्रद्धा कपूर ने चुलबुली-सी लड़की का अच्छा रोल निभाया है। वह एक ऐसी लड़की है, जो दूसरों की खुशी में खुश होती है। सिद्धार्थ भी ठीक-ठाक हैं। कॉमेडी में पहचान बना चुके रितेश देशमुख ने अपनी पत्नी से डांट खाने वाले पति का रोल बखूबी निभाया है। कई सालों से विवादों की वजह से सुर्खियों में रहे कमाल आर खान कॉमिक रोल में हैं और इस रोल में वह जमे भी हैं।
सवाल यह है कि फिल्म का विलेन कौन है, इसका रहस्य चंद सीन्स में ही खुल जाता है। थ्रिलर तो है, मगर सस्पेंस की कमी है। टि्वस्ट एंड टर्न्स भी हैं, मगर प्रिडिक्टेबल। मोहित सूरी का निर्देशन ठीक है मगर ‘आशिकी-2’ जैसी पकड़ नहीं। फिल्म का पहला हिस्सा अच्छा है, जिसमें हर मसाला है, मगर मुझे लगता है कि इंटरवेल के बाद फिल्म को लंबा करने के लिए सिर्फ खींचा गया है, क्योंकि इंटरवेल से पहले ही फिल्म की कहानी खत्म हो चुकी थी, जिसमें औरतों का कातिल पकड़ा जा चुका था। इंटरवेल के बाद सिर्फ बदला लेने की दौड़-भाग है। इसलिए इस फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है, 3 स्टार।