नई दिल्ली : उरी हमले के बाद चीन का पाकिस्तान को परोक्ष रूप से समर्थन करने पर देशभर में चीनी उत्पादों के विरोध के बीच केरल के कई इलाकों में चीन में निर्मित कृत्रिम अंडा बिकने से राज्य सरकार सक्रिय हो गई है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने जांच के आदेश दिए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, यहां अंडा तमिलनाडु से आया और इडुक्की जिले के रास्ते लाया गया है।
मुर्गी का अंडा प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों के चलते शरीर के लिए लाभदायक होता है। लेकिन कृत्रिम अंडा केवल रासायनिक पदार्थों से तैयार होता है जिससे शरीर को फायदे के बजाय नुकसान होता है।
ऐसे करे पहचान:
इस अंडे का बाहरी आवरण कैल्शियम कार्बोनेट, जिप्सम पावडर और मोम से तैयार होता है, जबकि भीतर सोडियम एलिग्नेट, एलम, जिलेटिन और कैल्शियम क्लोराइड के मिश्रण को भरा जाता है। कुछ कृत्रिम अंडों के भीतर स्टार्च और राल भी पाया गया है।
कृत्रिम अंडे का हल्के भूरे रंग का बाहरी आवरण थोड़ा खुरदुरा होता है, जबकि असली का चिकना होता है। उबालने के बाद कैल्शियम कार्बोनेट का आवरण तोड़ने पर कृत्रिम अंडे का भीतरी हिस्सा असली की तुलना में कड़ा होता है। भीतर की पीली जर्दी रबर की गेंद की तरह हो जाती है और थोड़ी ऊंचाई से छोड़ने पर गेंद जैसी उछलती भी है। यह धारदार वस्तु से ही कटती है।
केरल की चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक, कृत्रिम अंडे के भीतर से सामान्य अंडे जैसा ही पदार्थ निकलता है। इसे खुला छोड़ने पर मक्खी और अन्य कीड़े उसके पास नहीं आते। यह जल्द खराब भी नहीं होता है।
बताया जा रहा है कि असली अंडे को तैयार करने में पॉल्ट्री फॉर्म में जितना खर्च होता है, कृत्रिम अंडे को बनाने में खर्च उससे कई गुना कम होता है। इसीलिए चीन में बड़े पैमाने पर इसे बनाया जा रहा है और खपत वाले देशों में भेजा जा रहा है। ऐसे पहचानें कृत्रिम अंडे को फोड़ते ही भीतर की सफेद और अंडे की जर्दी जल्द ही मिल जाते हैं। इसका बाहरी आवरण असल के मुकाबले थोड़ा चमकीला होता है। यदि आप कृत्रिम अंडे को खोलने से पहले हिलाएंगे तो भीतर से आवाज आएगी। इससे कोई गंध नहीं आती, जबकि असल अंडे से हल्की सी गंध आती है।