मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में कुछ बच्चो के समूह ने यह सिद्ध कर दिखया कि पुरानी आदतें भी बदली जा सकती हैं, बशर्ते कोशिश ईमानदार हो और तरीके दिलचस्प। इसी तरह के प्रयास से छिंदवाड़ा में एक गांव के बच्चों ने खुले में शौच बंद करा दिया है।
आपको बता दें कि यह मुमकिन हुआ है बाल कमांडों की सीटी बजाने की मुहिम से। जी हां, बच्चों ने सीटी बजा-बजाकर खुले में शौच जाने की लोगों की आदत छुड़ा दी है। स्वच्छता अभियान की मुहिम को जिले के गांव-गांव तक पहुंचाने की कोशिशें जोरों पर है।
अमरवाडा विकासखंड का गांव है गाडरवाडा। यहां लोग खुले में शौच जाने की आदत से बाज नहीं आ रहे थे। जब इस गांव में जिलाधिकारी महेशचंद्र चौधरी पहुंचे तो उन्हें भी इस बात का पता चला।
जिलाधिकारी ने लोगों को अपने ही घर में शौचालय बनाने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्हें इसके लिए सरकार से मिल रही मदद के बारे में बताया। इसके लिए गांव वाले तैयार भी हो गए और घर-घर में शौचालय बन गए। इसके बावजूद खुले में शौच की आदत को स्थायी रूप से बंद करना चुनौती थी। तब गांव वालों ने मिलकर निगरानी प्रेरक दल और बाल कमांडो टीम गठित की।
दरअसल, खुले में शौच से रोकने के लिए गांव में बच्चों की निगरानी टोली बनाई गई। यह टोली रोज सुबह 4 बजे से ही अपने कार्य में लग जाती है। ये बच्चे गांव में जिस किसी को खुले में शौच करते देखते, वहां सिटी बजाते। उसके पास आने पर उसे माला पहनाकर उसे शर्मिंदा करते। इसके बाद उसे खुले में शौच से होने वाली बीमारियां व नुकसान के बारे में बताया जाता। धीरे-धीरे ग्रामीण शौचालय बनाने के लिए प्रेरित हुए। आज हर मकान में शौचालय बन गया है।