महाराष्ट्र में देवेंद्र फडनवीस सरकार ने बहुमत हासिल कर लिया है। विधानसभा में बीजेपी का विश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत के साथ पारित हुआ इससे पहले बीजेपी के हरिभाऊ बागड़े को निर्विरोध विधानसभा स्पीकर चुन लिया गया था। शिवसेना के विधायकों ने बीजेपी सरकार के विश्वासमत प्रस्ताव के खिलाफ तेज स्वरों में ‘न’ की आवाज लगाई जबकि शरद पवार की पार्टी वोटिंग से अनुपस्थित रही।
शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे को विपक्ष के नेता चुने गए। गौरतलब है कि शिवसेना ने बुधवार सुबह को साफ कर दिया था कि वह विश्वास मत में बीजेपी का समर्थन नहीं करेगी। पार्टी विपक्ष में बैठेगी। विश्वास मत पारित होने के बाद सदन के नेता प्रतिपक्ष को चुनाव किया गया।
हालाँकि, बीजेपी के ध्वनिमत से विश्वास मत हासिल करने पर शिवसेना और कांग्रेस भड़क गई हैं। शिवसेना के नेता रामदास कदम ने कहा है, हमने महाराष्ट्र की जनता से वादा किया था कि हम पर्याप्त सीटें न पाने पर विपक्ष में बैठेंगे। हमने यही किया है। आज से हम विपक्ष में बैठेंगे। बीजेपी ने आज विधानसभा में नियमों की धज्जियां उड़ाई हैं। बीजेपी सरकार में मतभेद है। गडकरी के पक्ष के 40 विधायक बीजेपी सरकार के खिलाफ वोट देते। इसलिए पार्टी ने वोटों का बंटवारा नहीं करवाया। यह असंवैधानिक है। लोकतंत्र का खून किया गया है।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि कांग्रेस ध्वनिमत से बहुमत सिद्ध करने का विरोध करने के साथ ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के इस्तीफे की मांग करती है। वहीं, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने कहा कि भाजपा सरकार बहुमत सिद्ध नहीं कर सकी है। ध्वनिमत से बहुमत सिद्ध करना कानून के खिलाफ है। बीजेपी सरकार को विश्वास मत हासिल नहीं है।
ठाकरे ने कहा कि सदन में वोटिंग होगी तो उसका हाल वाजपेयी की 1999 की सरकार जैसा होगा, जब 13 महीने पुरानी एनडीए सरकार 1 वोट से विश्वास मत प्रस्ताव हार गई थी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार सभी नियमों और राज्यपाल चिरंजीवी विद्यासागर राव के आदेश का भी उल्लंघन किया है। ठाकरे ने कहा कि कांग्रेस के विधायक राज्यपाल से मिल कर बीजेपी को दोबारा मतदान के जरिए बहुमत सिद्ध करने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने नियम के विरूद्ध जो काम किया है उसे पूरे देश के लोगों ने देखा है और सदन में पहले ही दिन बीजेपी ने लोकतंत्र की हत्या की है।
इससे पहले कांग्रेस और शिवसेना द्वारा अपने प्रत्याशी वापस लेने के बाद बीजेपी के हरिभाऊ बागड़े निर्विरोध स्पीकर चुन लिए गए। वहीं, शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे नेता, विपक्ष होंगे। स्पीकर ने निर्णय लिया है कि विपक्षी पार्टियों में शिवसेना के पास सबसे ज्यादा सीटें हैं, इसलिए विपक्ष के नेता का पद शिवसेना के शिंदे को दिया जाता है। शिवसेना नेता रामदास कदम ने बुधवार की सुबह कहा कि शिवसेना विश्वास मत प्रस्ताव पर बीजेपी के खिलाफ वोट करेगी, लेकिन स्पीकर पद पर बीजेपी के साथ है।